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Sunday, 30 April 2017

मोदी सरकर के दो

*मोदी सरकर के  दो साल का रिपोर्ट कार्ड खुद पढ़िए लोगो को भी पढ़ाइये*

दो साल में अनेको योजनाओं की शुरुआत की गयी है जिनका लाभ सीधा भारत की जनता को मिल रहा है।

*1-प्रधानमंत्री जन धन योजना*
*2-प्रधानमंत्री आवास योजना**
*3-प्रधानमंत्री सुकन्या समृद्धि योजना*
*4-प्रधानमंत्री मुद्रा योजना*
*5-प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना*
*6-प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना*
*7-अटल पेंशन योजना*
*8-संसद आदर्श ग्राम योजना*
*9-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना*
*10-प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना*
*11-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनाये*
*12-प्रधानमंत्री जन औषधि योजना*
*13-मेक इन इंडिया*
*14-स्वच्छ भारत अभियान*
*15-किसान विकास पत्र*
*16-सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम*
*17-डिजिटल इंडिया*
*18-स्किल इंडिया*
*18-बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना*
*20-मिशन इन्द्रधनुष*
*21-दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना*
*22-दीन दयाल उपाध्याय* *ग्रामीण 23-कौशल्या योजना*
*24-पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते योजना*
*25-अटल मिशन फॉर रेजुवेनशन एंड 26-अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत योजना)*
*27-स्वदेश दर्शन योजना*
*28-पिल्ग्रिमेज रेजुवेनशन एंड स्पिरिचुअल ऑग्मेंटशन ड्राइव (प्रसाद योजना)*
*29-नेशनल हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड ऑग्मेंटशन योजना (ह्रदय योजना)*
*30-उड़ान स्कीम*
*31-नेशनल बाल स्वछता मिशन*
*32-वन रैंक वन पेंशन (OROP) स्कीम*
*33-स्मार्ट सिटी मिशन*
*34-गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम*
*35-स्टार्टअप इंडिया, स्टन्डप इंडिया*
*36-डिजिलोकर*
*37-इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम*
*38-श्यामा प्रसाद मुखेर्जी* *रुर्बन मिशन*
*सागरमाला प्रोजेक्ट*
*39-‘प्रकाश पथ’ – ‘वे टू लाइट’*
*40-उज्वल डिस्कॉम असुरन्स योजना*
*विकल्प स्कीम*
*41-नेशनल स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च स्कीम*
*42-राष्ट्रीय गोकुल मिशन*
*43-पहल – डायरेक्ट बेनिफिट्स ट्रांसफर फॉर LPG (DBTL) कंस्यूमर्स स्कीम*
*44-नेशनल इंस्टीटूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (नीति आयोग)*
*45-प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना*
*46-नमामि गंगे प्रोजेक्ट*
*47-सेतु भारतं प्रोजेक्ट*
*48-रियल एस्टेट बिल*
*49-आधार बिल*
*50-क्लीन माय कोच*
*51-राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान – Proposed*
*52-प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना*
                                            *फरवर्ड कीजिये दोस्तों भारत मे हर एक के मोबाइल पर*   सही बात है मोदी ने कुछ काम नही किया है ।।

देखो हर साल कांग्रेस कितना काम करती थी।।

खोदकर लाया हूँ उनके काम ।।

2011 -2जी स्पेक्ट्रम घोटाला 1,76,000 करोड़

2011 कॉमन वेल्थ घोटाला 70,000 करोड़

2010 आदर्श घर घोटाला 900 करोड़

2010 S बैंड स्पेक्ट्रम घोटाला 2,00,000 करोड़

2010खाद्यान घोटाला 35,000 करोड़

2009 चावल निर्यात घोटाला 2,500 करोड़

2009 उड़ीसा खदान घोटाला7,000 करोड़

2009 झारखण्ड खदान घोटाला 4,000करोड़

2009झारखण्ड मेडिकल उपकरण घोटाला130करोड़

2008हसन् अली हवाला घोटाला 39,120 करोड़

2008 काला धन 2,10,000 करोड

2008 स्टेट बैंक ऑफ़ सौराष्ट्र 95 करोड़

2008 सैन्य राशन घोटाला5,000 करोड़

2008 सत्यम घोटाला 8,000 करोड

2006पंजाब सिटी सेंटर घोटाला 1,500 करोड़

2006ताज कॉरिडोर घोटाला 175 करोड़

2005 आई पि ओ कॉरिडोर घोटाला1,000करोड़

2005 बिहार बाढ़ आपदा घोटाला 17 करोड़

2005 सौरपियन पनडुब्बी घोटाला 18,978करोड़

2003 स्टाम्प घोटाला 20,000 करोड़

2002 संजय अग्रवाल गृह निवेश घोटाला 600करोड़

2002कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज घोटाला 120करोड़

2001केतन पारिख प्रतिभूति घोटाला 1,000करोड़

2001UTI घोटाला 32 करोड़

2001 डालमिया शेयर घोटाला 595 करोड़

1998 टीक पौध घोटाला 8,000 करोड़

1998 उदय गोयल कृषि उपज घोटाला 210 करोड़

1997 बिहार भूमि घोटाला 400 करोड़

1997 सुखराम टेलिकॉम घोटाला 1,500 करोड़

1997 SNC पॉवेर प्रोजेक्ट घोटाला 374 करोड़

1997 म्यूच्यूअल फण्ड घोटाला 1,200 करोड़

1996 उर्वरक आयत घोटाला 1,300 करोड़

1996यूरिया घोटाला 133 करोड

1996चारा घोटाला 950करोड़

1995मेघालय वन घोटाला300करोड़

1995 प्रेफ्रेंशल अलॉटमेंट घोटाला 5,000 करोड़

1995दीनार घोटाला (हवाला) 400करोड़

1995कॉबलर घोटाला 1,000 करोड़

1995 वीरेंदर गौतम (कस्टम टैक्स) घोटाला 43करोड़

1994चीनी घोटाला 650 करोड़

1992हर्षद मेहता (शेयर घोटाला) 5,000 करोड़।।

बोफोर्स तोप घोटाला -राजीव गांधी 960करोड़

सालो राम मंदिर और पेट्रोल पर रो रहे हो ।

इनमे से 5 के नाम भी पता था क्या ।

इतनी मेहनत कर रहा है पर तुम्हारी आदत है न हर चीज में डंडा करने की ।।

अगर ये तंग आकर हट गया न तो तुम्हे फिर यही कांग्रेस मिलेगी ।।

जितने भी उसके बाहर घूमने से परेशान है वो बाहर हनीमून नही मना रहा ।।

सुरक्षा मजबूत कर रहा है देश की ।

आज तुम सबको को किसान दिख रहे हैं

और जब यूरिया और खाद घोटाला हुये तो कुछ नही दिखा ।।

अगर कुछ सचाई दिखे तो शेयर जरूर करें ।।

अगर लोगों को अँधेरे में रखने वालों ।।

और बिना बात के मुद्दे बनाने वालों को जरूर शेयर करें

।।धन्यवाद🚩🚩

मोदी को प्रधानमंत्री बने 1वर्ष हुआ की अच्छे दिन का ताना मारने लगे हैं कुछ लोग।

1.जवाहरलाल नेहरु 16 वर्ष 286 दिन।

2.इंदिरा गाँधी 15 वर्ष 91 दिन।

3.राजीव गाँधी 5 वर्ष 32 दिन।

4.मनमोहन सिंह 10 वर्ष 4 दिन।

कुल मिला कर 47 वर्ष 48 दिन में अच्छे दिनको ढूंढ नहीं सकते

और 1 वर्ष में हीं अच्छे दिन चाहिए।

ये कैसा न्याय है???

ये कैसी राष्ट्रभक्ति है????

फल खाना है तो पेड़ बड़ा होने दो।

भारत वासियों से विनम्र विनती,

अगर अच्छेदिन चाहिए तो धैर्य रखें,


आपने प्रधानमंत्री चुना है कोई जादूगर नहीं।

अगर सिर्फ whats app or facebook पे जोक सुन सुन के मोदी जी की विदेश दौरों का पता है तो मुर्ख हो ।  इन उपलब्धियों के बारे में भी पता होना चाहिए ...

***** साल एक शुरुआत अनेक *****

1. मोदी जी ने सऊदी अरब को “On-Time Delivery” Premium charges on Crude Oil के लिए मना लिया है ।

2. India भूटान में 4 Hydropower stations Dams बनाएगा । जिस से Green energy मिलेगी ।

3. India नेपाल में सबसे बड़ा hydro dam बनाएगा जिस से 83% Green energy इंडिया को मिलेगी। ( इसके लिए china कब से लगा हुआ था )

4. जापान के साथ समझोता हुआ. वो भारत में 10 लाख करोड़ invest करेंगे और bullet train चलाने में मदद करेंगे।
( कांग्रेस के टाइम में ये समझोता सिर्फ 1000 करोड़ का था)

5. Vietnam के साथ रिश्ते सुधारे हैं और अब भारत को आयल देने और आयल रिफानरी में भारत के लिए मदद करेगा।
कोंग्रेश के समय उसने मना कर दिया थ।

6. इरान अब डॉलर की जगह रूपये में आयल देने को राजी हो गया है । इस से खाफी बचत होगी ।

7. मोदी जी 28 साल के बाद औस्ट्रेलिया जाने वाले प्रधनमंत्री बने । और वहां दोस्ती के रिश्ते बनाये । अब वहां से Uranium मिलेगा जिससे बिजली बनाने के लिए काफी मदद मिलेगी।

8. मोदी जी इस साल श्री लंका गये, 27 साल में कोई भारतीय पी एम वहां गया...और टूटी हुई दोस्ती सुधारी, जिसका फायदा चीन उठा रहा था,जो कांग्रेश ने श्री लंका ना जाके बिगाड़ ली थी।

9. China के सामान india में बहुत बिक रहे हैं , इसके लिए बोल दिया की या तो इंडिया में invest करो नही तो गैर क़ानूनी माना जाएगा । अब China $20 billion Invest करेगा।

1 India ने North East and around India china border पे रोड बनाना शुरू कर दिया है ताकि हमारी army को जाने में दिक्कत न हो।
कांग्रेश इस बनाने में डरती रही।

12. India यमन से 4000+ Indians को लाने में सफल रही ।ये सब मोदी और सऊदी अरब किंग की दोस्ती की वजह से संभव हो पाया।

13. India की Air force की ताकत कमजोर हो गयी थी। इसके लिए आते ही फ़्रांस से 36 Rafale fighter Jets खरीदने के लिए deal की है।यह ड़ील सात साल से अटकी हुई थी..

14. after 42 years कोई पी एम Canada गया...भारत को Uranium देने के लिए राजी हो गया है । इस से बिजली की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी ।

15. Canada अब भारतीयों को On-Arrival visa देगा।

16. अब तक हम अमेरिक और रूस से ही Nuclear Reactor खरीद सकते थे । मगर अब फ़्रांस भारतीय कम्पनी के साथ यही बनाएगी ।
- MAKE IN INDIA

17. बराक ओबामा से दोस्ती की और अमेरिका अब भारत में 16 Nuclear power plant लगाने में मदद करेगा । जिस से भारत में बिजली की दिक्कत ख़तम हो जाएगी ।
HTTP://sgpawarstudycenter.blogspot.in
अगर एक खुशहाल और खुबसूरत भारत देखना चाहते हो तो..

इतिहास के अज्ञानी अगर देश के लिए कुछ करना है तो
मोदी जी के इस एक साल के काम को भारत की सारी जनता तक पहुचाए।

आपको यह सन्देश 3 लोगो को भेजना है।
कि मोदी (बीजेपी सरकार ) ने एक साल में कितना काम किया है ।

इस प्रकार
1 = 3 लोग
यह 3 लोग 3 लोगो को मेसेज करेंगे
3×3 = 9
9×3 =27
27×3=81cv
81×3 =243
243×3 = 729
729×3 = 2187
2187×3 = 6561
6561×3 = 19683
19683×3 = 59049
59049×3 = 177147
177147×3 = 531441
531441×3 = 1594323
1594323×3 = 4782969
4782969×3 = 14348907
14348907×3 = 43046721
43046721×3 = 129140163
129140163×3 = 387420489
387420489×3=1,162,261,467
बस आपको तो एक कड़ी जोड़नी है देखते
ही देखते पूरा देश जुड़ जायेगा और अगली वार मोदी जी
इस बार से भी ज्यादा सीटो के साथ सरकार बनाये

प्रारब्धाचा हिशेब

प्रारब्धाचा हिशेब  :
.
एक दिवस एक माणूस पूर्व सुचना न देता कामावर गेला नाही .
मालकाला वाटलं ह्याचा जर पगार वाढवला तर हा काम मन लावून करेल .....
.
म्हणून पुढच्या वेळेस मालकाने पगारा व्यतिरीक्त त्याला पैसे वाढीव दिले ......
तो काही बोलला नाही , त्याने चुपचाप मिळालेले पैसे ठेवून दिले .......
.
काही महिन्यानंतर परत तसच घडलं .... तो पुर्वसुचना न देता गैरहजर राहीला ...
मालकाला त्याचा खूप राग आला आणि त्याने विचार केला कि, याचा पगार वाढवून काय फायदा झाला ???
हा काही सुधारणार नाही .....
पुढच्या वेळेस मालकाने त्याला वाढवलेला पगार कमी करून त्याच्या हाती पगार दिला .....
.
त्याने कुठलीही तक्रार न करता चुपचाप पगार घेतला .....
मालकाला खूप आश्चर्य वाटलं .
अखेर न राहवून त्याने त्याला विचारलं , '' मागच्या वेळेस तू गैरहजर राहीलास तरी तुझा पगार वाढवला ....तेंव्हा सुद्धा तू काही बोलला नाहीस , आणि ह्या वेळेस सुद्धा तू न पूर्वसुचना गैरहजर राहीलास म्हणून तुझा वाढवलेला पगार कापला ....
तरीही तू काही बोलत नाही,,,, असं का ?????
त्यावर त्याने दिलेलं उत्तर विचार मनाला भिडणारं होतं ..
.
''तो म्हणला , मालक पहिल्या वेळी मी गैरहजर राहीलो त्यावेळी मला मुलगा झाला होता ...... तुम्ही माझा पगार वाढवलात तेंव्हा मी विचार केला , देवाने माझ्या मुलाचा पालनपोषणाचा हिस्सा पाठवला .......
दुस-यांदा जेंव्हा मी गैरहजर राहिलो तेंव्हा माझ्या आईचं निधन झाले होते आणि तुम्ही माझा वाढवलेला पगार कापलात ......
मी मनाशी विचार केला माझी आई तिचा वाटा तिच्या बरोबर घेऊन गेली .
मग मी ह्या पगाराबद्दल चिंता का करू ??
ज्याची जबाबदारी खुद्द देवाने घेतली आहे ........
.
तात्पर्य -
जिवनांत काय मिळवलसं आणि काय गमावलसं असं जर कुणा विचारलं तर ,
बेशक सांगा , जे गमावलं तो माझा अविचार होता आणि जे कमावलं ती सद्गुरू कृपा होती.
.
''खूप सुंदर नाते आहे माझ्यात व देवामध्ये ....''
''जास्त मी मागत नाही आणि कमी देव देत नाही .......
👍👌👌
यालाच प्रारब्ध म्हणतात.......
जिवन खुप सुदंर आहे आनंदाने जगा ....

जीवनोपयोग

*जीवनोपयोग*

*1. सुबह उठ कर कैसा पानी पीना चाहिए*

    उत्तर -     हल्का गर्म

*2.  पानी पीने का क्या तरीका होता है*

    उत्तर -    सिप सिप करके व नीचे बैठ कर

*3. खाना कितनी बार चबाना चाहिए*

     उत्तर. -    32 बार

*4.  पेट भर कर खाना कब खाना चाहिए*

     उत्तर. -     सुबह

*5.  सुबह का नाश्ता कब तक खा लेना चाहिए*

     उत्तर. -    सूरज निकलने के ढाई घण्टे तक

*6.  सुबह खाने के साथ क्या पीना चाहिए*
   
     उत्तर. -     जूस

*7.  दोपहर को खाने के साथ क्या पीना चाहिए*

    उत्तर. -     लस्सी / छाछ

*8.  रात को खाने के साथ क्या पीना चाहिए*

    उत्तर. -     दूध

*9.  खट्टे फल किस समय नही खाने चाहिए*

    उत्तर. -     रात को

*10. आईसक्रीम कब खानी चाहिए*

       उत्तर. -      कभी नही

*11. फ्रिज़ से निकाली हुई चीज कितनी देर बाद*
      *खानी चाहिए*

      उत्तर. -    1 घण्टे बाद

*12. क्या कोल्ड ड्रिंक पीना चाहिए*

       उत्तर. -      नहीं

*13.  बना हुआ खाना कितनी देर बाद तक खा*
      *लेना चाहिए*

      उत्तर. -     40 मिनट

*14.  रात को कितना खाना खाना चाहिए*

       उत्तर. -    न के बराबर

*15.  रात का खाना किस समय कर लेना चाहिए*

      उत्तर. -     सूरज छिपने से पहले

*16. पानी खाना खाने से कितने समय पहले*
     *पी सकते हैं*

      उत्तर. -     48 मिनट

*17.  क्या रात को लस्सी पी सकते हैं*

     उत्तर. -     नही

*18.  सुबह खाने के बाद क्या करना चाहिए*

       उत्तर. -     काम

*19. दोपहर को खाना खाने के बाद क्या करना*
       *चाहिए*

       उत्तर. -     आराम

*20. रात को खाना खाने के बाद क्या करना*
     *चाहिए*

      उत्तर. -    500 कदम चलना चाहिए

*21. खाना खाने के बाद हमेशा क्या करना*
      चाहिए

      उत्तर. -     वज्रासन

*22. खाना खाने के बाद वज्रासन कितनी देर*
      *करना चाहिए.*
   
      उत्तर. -     5 -10 मिनट

*23.  सुबह उठ कर आखों मे क्या डालना चाहिए*

      उत्तर. -     मुंह की लार

*24.  रात को किस समय तक सो जाना चाहिए*

      उत्तर. -     9 - 10 बजे तक

*25. तीन जहर के नाम बताओ*

      उत्तर.-    चीनी , मैदा , सफेद नमक

*26. दोपहर को सब्जी मे क्या डाल कर खाना*
      *चाहिए*

      उत्तर. -     अजवायन

*27.  क्या रात को सलाद खानी चाहिए*

      उत्तर. -     नहीं

*28. खाना हमेशा कैसे खाना चाहिए*

      उत्तर. -     नीचे बैठकर व खूब चबाकर

*29. चाय कब पीनी चाहिए*

      उत्तर. -     कभी नहीं

*30. दूध मे क्या डाल कर पीना चाहिए*

      उत्तर. -    हल्दी

*31.  दूध में हल्दी डालकर क्यों पीनी चाहिए*

      उत्तर. -    कैंसर ना हो इसलिए

*32. कौन सी चिकित्सा पद्धति ठीक है*

      उत्तर. -   आयुर्वेद

*33. सोने के बर्तन का पानी कब पीना चाहिए*

      उत्तर. -   अक्टूबर से मार्च (सर्दियों मे)

*34. ताम्बे के बर्तन का पानी कब पीना चाहिए*

      उत्तर. -    जून से सितम्बर(वर्षा ऋतु)

*35. मिट्टी के घड़े का पानी कब पीना चाहिए*

      उत्तर. -  मार्च से जून (गर्मियों में)

*36. सुबह का पानी कितना पीना चाहिए*

      उत्तर. -  कम से कम 2 - 3 गिलास

*37. सुबह कब उठना चाहिए*

       उत्तर. -  सूरज निकलने से डेढ़ घण्टा पहले

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S G PAWAR
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🙏 *प्रणाम का महत्व* 🙏 💎

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महाभारत का युद्ध चल रहा था -
एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर "भीष्म पितामह" घोषणा कर देते हैं कि -

"मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा"

उनकी घोषणा का पता चलते ही पांडवों के शिविर में बेचैनी बढ़ गई -

भीष्म की क्षमताओं के बारे में सभी को पता था इसलिए सभी किसी अनिष्ट की आशंका से परेशान हो गए|

तब -

श्री कृष्ण ने द्रौपदी से कहा अभी मेरे साथ चलो -

श्री कृष्ण द्रौपदी को लेकर सीधे भीष्म पितामह के शिविर में पहुँच गए -

शिविर के बाहर खड़े होकर उन्होंने द्रोपदी से कहा कि - अन्दर जाकर पितामह को प्रणाम करो -

द्रौपदी ने अन्दर जाकर पितामह भीष्म को प्रणाम किया तो उन्होंने -
"अखंड सौभाग्यवती भव" का आशीर्वाद दे दिया , फिर उन्होंने द्रोपदी से पूछा कि !!

"वत्स, तुम इतनी रात में अकेली यहाँ कैसे आई हो, क्या तुमको श्री कृष्ण यहाँ लेकर आये है" ?

तब द्रोपदी ने कहा कि -

"हां और वे कक्ष के बाहर खड़े हैं" तब भीष्म भी कक्ष के बाहर आ गए और दोनों ने एक दूसरे से प्रणाम किया -

भीष्म ने कहा -

"मेरे एक वचन को मेरे ही दूसरे वचन से काट देने का काम श्री कृष्ण ही कर सकते है"

शिविर से वापस लौटते समय श्री कृष्ण ने द्रौपदी से कहा कि -

*"तुम्हारे एक बार जाकर पितामह को प्रणाम करने से तुम्हारे पतियों को जीवनदान मिल गया है "* -

*" अगर तुम प्रतिदिन भीष्म, धृतराष्ट्र, द्रोणाचार्य, आदि को प्रणाम करती होती और दुर्योधन- दुःशासन, आदि की पत्नियां भी पांडवों को प्रणाम करती होंती, तो शायद इस युद्ध की नौबत ही न आती "* -
......तात्पर्य्......

वर्तमान में हमारे घरों में जो इतनी समस्याए हैं उनका भी मूल कारण यही है कि -

*"जाने अनजाने अक्सर घर के बड़ों की उपेक्षा हो जाती है "*

*" यदि घर के बच्चे और बहुएँ प्रतिदिन घर के सभी बड़ों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लें तो, शायद किसी भी घर में कभी कोई क्लेश न हो "*

बड़ों के दिए आशीर्वाद कवच की तरह काम करते हैं उनको कोई "अस्त्र-शस्त्र" नहीं भेद सकता -

"निवेदन 🙏 सभी इस संस्कृति को सुनिश्चित कर नियमबद्ध करें तो घर स्वर्ग बन जाय।"

*क्योंकि*:-

*प्रणाम प्रेम है।*
*प्रणाम अनुशासन है।*
प्रणाम शीतलता है।            
प्रणाम आदर सिखाता है।
*प्रणाम से सुविचार आते है।*
प्रणाम झुकना सिखाता है।
प्रणाम क्रोध मिटाता है।
प्रणाम आँसू धो देता है।
*प्रणाम अहंकार मिटाता है।*
*प्रणाम हमारी संस्कृति है।*

        🙏🙏🙏
   
🙏 *सबको प्रणाम*  🙏

अस्सी फीसदी प्रतिभाओं को सवर्णों द्वारा कुचला न गया होता तो आज देश बहुत आगे होता

अस्सी फीसदी प्रतिभाओं को सवर्णों द्वारा कुचला न गया होता तो आज देश बहुत आगे होता

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नई दिल्ली। राजस्थान के रहने वाले दलित छात्र कल्पित वीरवाल ने आईआईटी में टॉप किया है। देश में सर्वण वर्ग का वर्चस्व माना जाता है। लोगों का मानना है कि मेरिट और टैलेंट सर्वण वर्ग के लोगों में होती है, पर इन सब बातों को दरकिनार करते हुए राजस्थान के 17 साल के कल्पित ने आईआईटी में टॉप किया है, कल्पित ने आईआईटी में नया इतिहास रच दिया। कल्पित ने 360 में 360 नंबर हासिल किए।
ऐसा पहला मौका है जब किसी छात्र ने आईआईटी एग्जाम में 360 में से 360 नंबर हासिल किया है। कल्पित ने न सिर्फ दलित वर्ग में टॉप किया है बल्कि जनरल कटेगरी में भी टॉप कर मेरिटधारियों को पछाड़ कर रख दिया। कल्पित ने मेरिटधारियों को धोबिया पछाड़ लगाकर देशभर में साबित कर दिया है कि टैलेंट केवल सवर्णों की जागीर नहीं है।

आईआईटी टॉपर कल्पित इस वक्त सोशल मीडिया से लेकर वेबपोर्टल पर चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर रिएक्शन की बाढ़ सी आ गई है। कोई उसे यूपीएससी टॉपर टीना डाबी के बाद दलित हीरो बता रहा है, तो कोई साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत से तुलना कर रहा है।

वहीं वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल अपने फेसबूक पेज पर लिखते हैं 'क्यों मीडिया वाले पंडा जी, आत्महत्या करने पर हर बार बताते हो कि दलित स्टूडेंट था। अब टॉपर हो गया तो बता रहे हो कि कंपाउंडर का बेटा है। ग़रीब परिवार का है। मने मतलब क्या है? एक बात पर टिको'
वहीं आशुतोष कुमार अपने फेसबूक पेज पर लिखते हैं। 'टीना डाबी के upsc टॉप करने के बाद अब दलित छात्र कल्पित ने IIT-JEE में टॉप किया है। ऐसी तमाम घटनाओं से एक ही बात साबित होती है। आप सबको पढ़ने का मौका दीजिए और फिर देखिए। ज़रा सोचिए कि भारत की अस्सी फ़ीसद प्रतिभाओं को जाति से कुचला न गया होता तो आज देश कहां होता।
सत्येन्द्र सत्यार्थी अपने फेसबूक पेज पर लिखते हैं 'भारत उस दौर से गुजर रहा है जब दलित पिछड़े आदिवासी संशाधनो के अभाव में स्कूलों में बहुत मेनहत कर के पास हो रहे और जिनको संशाधन मिल रहे वो सीधा 360/360!'
सोबरन कबीर यादव अपने फेसबूक पेज पर लिखते हैं 'कल्पित वीरवाल को बधाई। एससी वर्ग के कल्पित वीरवाल ने IIT परीक्षा में 360 में से 360 अंक प्राप्त किए हैं। ऐसा करने वाले वे पहले छात्र हैं। कमाल है मैरिट वाले छात्र जो कमाल आजतक नहीं कर पाए वो कल्पित ने कर दिखाया। आज कोई द्रोणाचार्य होता तो कल्पित की गर्दन मांग लेता।'

Sangh

‘मी मरेन, मोदी मरतील, पण संघ कधीच मरणार नाही. संघ मरत नाही तोपर्यंत त्यांचे विषारी विचार जिवंत राहतील व तोपर्यंत घटनेला या देशात वाव नसेल, ती रोज मारली जाईल’, अशी प्रखर ‌टीका *माजी न्यायमूर्ती बी.जी. कोळसे-पाटील* यांनी सोमवारी नागपुरात केली.सम्यक थिएटरतर्फे सोमवारी येथील डॉ. वसंतराव देशपांडे सभागृहात ‘आंबेडकरी विचारांचे रथचक्र कुठे रुतले?’ या विषयावर महाचर्चा आयोजित करण्यात आली होती. त्यावेळी कोळसे-पाटील यांनी संघ, भाजप आणि मोदींवर प्रखर टीका केली. ज्येष्ठ आंबेडकरी विचारवंत डॉ. यशवंत मनोहर हे अध्यक्षस्थानी होते. सम्यक थिएटरचे सचिव नरेश साखरे यांच्यासह आंबेडकरी चळवळीतील मान्यवर व नागरिक यावेळी उपस्थित होते.
कोळसे-पाटील म्हणाले, ‘मुळात संघ आर्यभट्ट ब्राह्मणांना सोडून कोणालाही या देशाचे नागरिक मानत नाही. त्यात आता याच संघ व भाजपने आपल्या फुले व आंबेडकरांनादेखील दत्तक घेऊन त्यांना देवत्त्व देण्याचा प्रयत्न केला जात आहे. पण आपल्यामागे बाबसाहेबांसारख्या विद्वत्तेचा अनुभव असतानादेखील याविरुद्ध आंदोलन करीत नाही. डोळ्यादेखत फसगत होत असताना चळवळच होत नाही, हे दुर्दैव आहे. सध्याच्या सरकारचे सर्व कार्यक्रम घटनेला डावलून होत आहेत आणि राजकारणाच्या बाहेर राहून संघ हे कार्यक्रम घडवून आणत आहे. आपण मात्र केवळ आरक्षणात गुरफटलेले आहोत. पण, आरक्षण मिळाल्यानंतरही आपल्याला आयबी, रॉ किंवा सरकारी विभागांत मोठी पदे ‌मिळालेली नाहीत, हे लक्षात घ्या. याचे कारण, घटना या देशात असली तरी त्याची अंमलबजावणी होणार नाही, याची तरतूद संघवादी मानसिकतेच्या उच्चपदस्थांनी करून ठेवली आहे.’
पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्यावर टीका करताना पाटील म्हणाले, ‘मोदींनी गुजरातेत नरसंहार केला आहे. त्याबद्दल त्यांना दोषी ठरवून शिक्षा व्हायला हवी, असा सर्वोच्च न्यायालयाच्या तीन न्यायमूर्तींचा अहवाल आहे. पण, हा अहवाल दाबण्यात आला. खरे सांगायचे तर मोदी असो वा अमित शहा, यांच्यासारखी नीच माणसे देशाच्या राजकारणात आजवर झालीच नाहीत. क्रूर, छळकपटपणा हेच त्यांना माहिती आहे. यामुळेच मोदींनी कुठलीही घोषणा केली की त्याचा आंधळेपणाने स्वीकार न करता त्याची दुसरी बाजू समजून घेणे व चिरफाड करून ती जनतेसमोर आणणे, हे आंबेडकरी कार्यकर्ते या नात्याने आपले काम असले पाहिजे.’

*माजी न्यायमूर्ती बी.जी. कोळसे-पाटील* यांचे विचार🙏🏻🙏🏻

Good

आँफिस मधील खुर्ची पेक्षा..
माझ्या शाळेचा बाकच बरा होता...
कामाच्या या व्यापा पेक्षा..
आमचा गृहपाठच बरा होता...
काँम्प्युटरची 'स्क्रीन' कितीही प्रीय असली..
तरी माझ्या शाळेचा 'फळाच' बरा होता...
बाॅसच्या सततच्या टेन्शन पेक्षा..
बाईंच्या छडीचा मारच बरा होता..
मोबाईल वरील रग्गड गेम पेक्षा..
मैदानी खेळाचा थाटच बरा होता..
आलो शहरात सुख मिळविण्यासाठी..
पण गड्या आपला गावच बरा होता...
गावच बरा होता...😔
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Good

⛵🌷⛵🌷⛵🌷⛵

देवाच्या चरणी मागितलेली 🌷
एक दुवा माझी असेल,
तिथे मागितलेली प्रत्येक
🌷खुशी तुमचीअसेल,
जेव्हापण तुमच्या ह्रदयाला
प्रेमाची हाक ऐकू येईल
ती प्रेमाची प्रत्येक हाक
माझी असेल.🌷

⛵🌷⛵...........⛵🌷⛵

⛵⛵🌷🌷⛵⛵

 🌷*देवाकडे*
 *पाणी मागितल तर*
 *समुद्र दिला !!!*🌷
 *फुल मागितल तर*
🌷 *बागच दिली !!!*
 *घर मागितल तर*
 *राजवाडाच दिला !!!*🌷
 *आणी मग....*
🌷 *देवापाशी देवच*
 *मागितला तर....*
 *त्यांनी तुमच्यासारखी* 🌷
 *गोड माणस दिली !!!!*
*🌷आठवण नाही काढली
तरी चालेल, पणविसरून मात्र जाऊ🌷
नका.....
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सूंदर लेख

.         सूंदर लेख:
By
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☕ माझ्या हातात चहाचा कप होता, ऊभ्यानं चहा पित होतो.

अचानक तोल गेला,

कप सांभाळत पडल्यामुळे,

हाताच्या कोपराला लागले.

कपही फुटला.

जर मी कप सोडला असता,

तर लागले नसते.
आपल्यालाही असाच अनुभव ब-याच वेळा आला असेल.

शुल्लक गोष्टी सांभाळताना बहुमोल गोष्टी अशाच निसटुन जातात.

गरज असते फक्त शुल्लक गोष्टी सोडुन देण्याची.
🔸 मला विचारलच नाही;

🔹 मला Good morning केले नाही;

🔸 मला निमंत्रणच दिलं नाही;

🔹 माझं नावंच घेतलं नाही;

🔸 माझ्या शुभेच्छा स्विकारल्या नाहीत;

🔹 माझा फोन घेतला नाहीं ;

🔸 मला बसायला खुर्चीच दिली नाही;

🔹 मला मानच दिला नाही.

🔸 सोडुन द्या हो!

🔹 सोडायला शिकलं कि मग पहा,

🔸 निसटुन चाललेल्या नात्यांमधे पुन्हा जीवन येईल.

🔹 सूक्ष्म अहंकार चांगली माणसं ओळखु देत नाही.  तो सोडता आला कि झालं.
✍ तो लगेच सोडता येणार नाही.  पण कठिणही नाही.  प्रयत्न करायला काय हरकत आहे.  लक्षात ठेवा एकदा का जर नात्यात क्लिष्टता निर्माण झाली की ते कधीच जुळत नसतात आणि तुम्ही समोरच्या व्यक्तिच्या मनातून कायमचे उतरता.
💐💐 *खास सर्वांना* 💐💐

Saturday, 29 April 2017

❌एम्स ने कैंसर होने के कारण बताये हैं :

❌एम्स ने कैंसर होने के कारण बताये हैं :-🔴🔴पालीथीन में गरम सब्जी कभी भी पैक न करवाऐं।❌1.चाय कभी भी प्लास्टिक के कप में न लें।❌2.कोई भी गरम चीज प्लास्टिक में न लें , खासकर भोजन।❌3. खाने की चीजों को माइक्रोवेव में प्लास्टिक के बर्तन में गर्म न करें।❌याद रखें जब प्लास्टिक गर्मी के संपर्क में आता है तो ऐसा रसायन उत्पन करता है जो 32 प्रकार के कैंसर का कारण है।❌इस प्रकार ये sms 100 फालतू के sms से बेहतर है।अपने मित्रों और रिश्तेदारों को सूचित करें ताकि वे ऐसे प्रभाव से दूर रहें। क्रपया शेयर जरूर करें। 💯✔
 🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴,
    *👉    डा० हार्दिक शाह !*
*मुख्य चिकित्सा अधिकारी* *(CMO) सामान्य अस्पताल*
*( Civil Hospital )*
              *मुम्बई*
*यह संदेश भारत में कार्यरत डाक्टरों के समूह से है, जिसको आम जनता के हित में भेजा जा रहा है ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
*1) कृपया APPY FIZZ का सेवन न करें, क्योंकि इसमें कैंसर*
*पैदा करने वाले रसायन है ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
*2) कोक या पेप्सी सेवन करने से पहले व बाद में मेन्टोस का सेवन न करें क्योंकि इसका सेवन करने से मिश्रण साईनाइड में बदल* *जाता है, जिससे सेवन करने वाले व्यक्ति की मौत*
*हो सकती है ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
*3) कुरकुरे का सेवन न करें क्योंकि इसमें प्लास्टिक की काफ़ी मात्रा होती*
*है । इसकी पुष्टी के लिये कुरकुरे*
*को जलायें तो देखेंगे कि प्लास्टिक पिघलने लगा है --टाइम्स*
*आफ़ इण्डिया की रिपोर्ट*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
*4) इन गोलियों का सेवन तुरन्त बन्द करें क्योंकि ये बहुत ख़तरनाक है:-*
* *डी-कोल्ड /D-cold*
*   *Vicks Action-500*
* *एक्टिफाइड/Actified*
* *कोल्डारिन/Coldarin*
* *कोसोम/Cosome*
* *नाईस/Nice*
* *निमुलिड़/Nimulid*
* *सैट्रीजैट-डी/Cetrizet-D*
*इन गोलियों में फिनाईल प्रोपेनोल- एमाइड पीपीए होता है*
*जिससे ह्रदयाघात् होता है ।* *इसलिये यह दवा अमेरिका में*
*प्रतिबन्धित है ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
*वटसएप पर आप मुफ़्त में महत्वपूर्ण सूचना से सभी को अवगत करा सकते हैं अत: इसे पढ़ें और सभी को सूचित करें ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
*अमेरिका के डाक्टरों को व्यक्तियों में हो रहे नये क़िस्म के कैंसर का पता चला है जोकि "सिल्वर नाइट्रो आक्साइड"के कारण पनप रहा है ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
*मोबाइल चार्ज करने के लिये रीचार्ज कार्ड ख़रीदें तो कोड नम्बर के लिये कोड लाइन को नाख़ून से न खुर्चें,*
*क्योंकि कोड को छुपाने में सिल्वर "नाइट्रो आक्साइड" नाम के रसायन*
*की परत होती है, जिससे त्वचा का कैंसर होता है ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
*महत्वपूर्ण स्वास्थ्य बातें:-*
 *सेलफ़ोन पर बातें करते समय बायें कान की तरफ़ रखें ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
 *ठण्डे पानी के साथ गोलियाँ न लेवें ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
 *सांय पाँच बजे के बाद भारी भोजन का सेवन न करें ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
 *हमेशा! सुबह ज़्यादा पानी पीयें, व रात के समय कम ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
 *सोने का सबसे अच्छा समय रात के दस बजे से सुबह चार बजे तक होता*
*है ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
 *दवाईयां खाना लेने के बाद तुरन्त न लेवें।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
 *जब भी बैटरी अंतिम बार पर हो, सैलफ़ोन से बात न करें,क्योंकि तब ध्वनी तरेंगे एक हज़ार गुणा शक्तिशाली हो जाती है ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
*अमेरीकी रसायन अनुसंधान केन्द्र*
*के जाँच परिणाम के अनुसार:*
 *चाय को न तो प्लास्टिक के कपों में पीयें न ही प्लास्टिक पेपर पर भोजन करें । क्योंकि प्लास्टिक गरम होने पर इसमें रासायनिक परिवर्तन होने लगते*
*हैं जिनसे 52 प्रकार के कैंसर होने का ख़तरा है ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
*एक अच्छे संदेश से सभी को अवगत*
*करवाना हँसी मज़ाक़ के 100 संदेश भेजने से अच्छा है ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
*यह सभी के लिये उपयोगी है।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
*ज्ञान बडा महत्वपूर्ण है जितना*
*बाटोगे उतना बडेगा ।*
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
*👏👏👏👏👏कृपया अपने परिचितों ,दोस्तो ,रिस्तेदारों को अवश्य अवग कराये🇮🇳

Doctor

ब्रँडेड औषधांच्या नावाखाली डॉक्टर लुटतात, असं ज्यांना वाटतं, त्यांनी हॉटेलात गेल्यावर मिनरल वॉटर ऐवजी नळाचं पाणीच् मागावं..
किंवा जर ड्रिंक्स घेत असाल तर ब्रँडेड दारूऐवजी 'देशी दारू' प्यावी.. दोन्हीत एकच molecule असतो.. दोन्हीही 42.8%v/v  Ethyl alcohol च् आहेत.. मग उगीच कशाला महाग महाग दारू पिऊन पैसे वाया घालवायचेत.? हो ना?

जो फरक टपरीवर भजी खाण्यात आणि मोठ्या हॉटेलात भजी खाण्यात असतो तोच फरक जेनेरिक आणि ब्रँडेड मेडिसिनमध्ये असतो.. टपरीवरची भजी स्वस्त असली चविष्ट वाटली तरी ती बनवताना raw मटेरियल किंवा तेल काय प्रतीचं वापरतात हे आपल्यालाही माहिती आहेच..

Molecule जेनेरिक आणि ब्रँडेड औषधामध्ये एकच असले तरी efficacy मध्ये प्रचंड फरक असतो .. Ceftum च्या ४ गोळ्यात इन्फेकशन कंट्रोलला येते .. पण जेनेरिक च्या १० गोळ्या घेतल्या तरी ओ की ठो फरक पडत नाही ..नंतर डॉक्टर्सच्या औषधाला गुण नाही म्हणून डॉक्टर्सनाच बडवायला मोकळे..

मुख्य raw मटेरियल काय quality चे वापरतात यावर results ठरतात .. ब्रँडेड चे raw मटेरियल युरोप किंवा इतर ठिकाणावरून आयात केलेले असते त्यामुळे महाग असते पण दर्जेदार असते, त्यात परत त्या औषधाचा research चा खर्च ऍड होतो..

सरकारने जेनेरिक ची सक्ती केल्यास sub-standard मालाची भारतात एक मोठी बाजारपेठ तयार होईल..

ज्या लोकांकडे पैसे आहेत त्यांना दर्जेदार औषधाचा लाभ का घेऊ देऊ नये ? ..ज्यांना जेनेरिक हवे, त्यांनी जेनेरिक घ्यावी .

चौकात डोसा ३० रुपयाला मिळतो .. 'वैशाली'त १०० रुपयाला मिळतो ..डोसा हा डोसा च आहे ना ? ..मग 'वैशाली'त जास्त पैसे घेऊन लोकांना लुटले जाते का? ..Qualityचा विषय पण पैशाच्या पलीकडे जाऊन असतो, हा विचार व्हावा..

बरं ..औषधांच्या किंमती सरकारच्याच नियंत्रणाखाली असतात ना? मग ४ रुपयांची गोळी ४० रुपयाला मिळते म्हणून डॉक्टर्सना शिव्या घालण्यात काय अर्थ आहे ..४० रुपये किंमत डॉक्टर्सनी ठरवलीय का ?

आणि प्रत्येक गोष्ट किंमती वरच जज् करायची झाली तर आपल्याकडे नवीन संशोधन येणारच नाही.. कारण त्याची पण किंमत कॉस्ट मध्ये add होते .. जेनेरिकची सक्ती करून लॉन्गटर्म मध्ये आपण आपले नुकसान करून घेतो आहोत..

**

तोंडाच्या अल्सर साठी Neurobion forte ही व्हिटॅमिन बी कॉम्प्लेक्स ची गोळी द्यायची असेल तरी डॉक्टरला खालील prescription द्यावे लागेल-
1.thiamine mononitrate 10 mg
2. riboflavin 10 mg
3. pyridoxine hydrochloride 3 mg
4. cyanocobalamin 15 mcg
5. nicotinamide 45 mg
6. calcium pantothenate 50 mg.

गमतीचा भाग जाऊ द्या पण जर सरकारने डॉक्टरांना जेनेरिक प्रिस्क्रिप्शन लिहिण्याची सक्ती केलीच, तर त्यात शेवटी एक ओळ आवर्जून टाकावी.

*"हे प्रिस्क्रिप्शन जेनेरिक असून रुग्णाला कुठल्या कंपनीचे, ब्रँडचे अथवा क्वालिटीचे औषध मिळेल, यावर डॉक्टरांचे काहीही नियंत्रण नसून, गुण न आल्यास कृपया औषध कंपनीशी संपर्क साधावा."*

किंवा खालील प्रमाणे consent घ्यावी..

I Dr ________, would like to inform you that I am prescribing you medicines in the generic
name  according to the guidelines of the MCI , WHO and various govt bodies etc in your best interest and to my best knowledge.
I would like to inform you that there are basically two types of  drugs manufactured one innovator or research molecule and the other group called generic drugs.
I would also like to inform you that there is one innovator drug Brand and many generic brands .
The innovator drugs are generally expensive if it is not in the essential drug  price control.
I would like to also inform you that I am not liable for the side effects ,reaction etc which these drugs may cause other than the known side effects.
I am also not liable-
For the efficacy of the drug
For the quality of the drug
For the  potency of the drug
For the impurities that may be present
For any resistance that you may develop
Whether they are counterfeits
Whether there are any other adverse reaction
It is the responsibility of
MCI
FDA
Drug Company
The dispensing pharmacist, pharmacy or hospital and policy makers.

I have no role in the selection of these drugs nor can I influence the hospital, pharmacy, pharmacist, patient over the choice of drugs.

I am not liable for Any medico legal cases that may occur in the future concerning the concerned drugs and all such queries etc should be directed to the above responsible parties.

It is entirely your responsibility which drug brand you choose and I will not be liable for the same.
For full information on innovator drugs brand name and generic company there are lots of online website were you can get the information.or you can ask the pharmacist who will/should give you the said info.

If after reading this you give me consent then I will prescribe you medicines with a Belief  and  knowledge that it will
/ may help you in the course  of treatment .
Please mark below what type of drugs you would prefer. .

Thanking you. For placing your trust and health in my hands.

Dr.___________
Degree:_______                      
Sign:
Reg no:________
Council: _______                          

Patient's name:
______________                                                Date:__________

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संस्कार

*संस्कार.....*

प्रसंग पहिला....
      माधव उठला आणि आईच्या रूम मध्ये गेला.. तिच्या कपाळाला हाथ लावून पाहीला तर अंग चांगलच तापल होत... रात्रभर खोकल्याची उबळ तिची चालु होती.. त्याच्या मागे मालतीही आली.
         तिला बघुन तो म्हणाला "मालती मी आज ऑफिसला जात नाही.. आईला घेवून दवाखान्यात जातो.. तू चिन्मयला तयार कर.. जाता जाता त्यालाही शाळेत सोडून जाईल.."
        " मी ही थांबू का?..मी पण नाही जात ऑफिसला" मालती म्हणाली.
         तसा माधव म्हणाला "अग असे दोघांना घरात थांबायची आवश्यकता नाही ... तू जा ऑफिसला... आईचे खायचे प्यायचे बघुन जा आणि तशी गरज लागल्यास मी तुला बोलावून घेईन.."
        नुकताच उठलेला चिन्मय दारात उभा राहून त्यांचे संभाषण ऐकत होता.. त्याला पाहुन मालती उठली आणि पुढच्या तयारीला लागली...
         माधवने आईला उठवले...तिची पांघरून आवरता आवरता तिथेच उभ्या असलेल्या चिन्मयला म्हणाला "चिन्मय, आज आज्जीला बर नाही तिला त्रास द्यायचा नाही... चल आवर लवकर मी तुला शाळेत सोडतो आणि हो आईला सांग आज्जी उठलीय     तिचा चहा आण म्हणाव..."
    चिन्मय आईला निरोप द्यायला गेला तस त्याने आईला म्हंटल
           "तुझा ताप आणि खोकला अजुन कमी नाही झालाय... तू आटप आवर... आपण सकाळी सकाळी दवाखान्यात जावुन येवू .. "
          आई ने फक्त बर म्हंटल आणि आपल आवरायला घेतल.
            इकडे मालतीने स्वतःची, चिन्मयची तयारी केली... डबे भरले... माधवचे, आईचे खायचे तयार करून ठेवले... माधवला फळ, ज्यूस आणि इतर आईचे पथ्याचे कुठे ठेवले ते सांगितले..आणि ती ऑफिसला निघाली...
         जाता जाता आईच्या रूम मध्ये डोकावून तिला म्हणाली "आई, काहीही लागल तर फोन करा... येते मी.."
       चिन्मय तयारच होता ...
       माधव आईच्या रूम मध्ये गेला... तिला हलकेच हाथाने धरून गाडीपाशी आणले..चिन्मयला गाडीचे मागचे दार उघडायला लावले..
      आईला मागच्या सिट वर बसवले... खालीवाकुन तिचे पाय हाथाने उचलून अलगद गाडीत ठेवले आणि गाडीचा दरवाजा बंद करता करता चिन्मयला म्हणाला
       "जा आज्जीची पाण्याची आणि औषधाची पिशवी आत टेबलावर ठेवली आहे ती घेवून ये...तसा चिन्मय पळत जावून ते घेवून आला, तोपर्यंत माधवने गाडी बंगल्याच्या दरवाजात आणून उभी केली होती..
         चिन्मय आल्यावर तो म्हणाला "चिन्मय आज पुढे नाही बसायच ... आज आज्जी शेजारी मागे बस.."
         एरवी पुढे बसण्यासाठी हट्ट करणारा चिन्मय आज चुपचाप मागे बसला आणि ते रवाना झाले..
          दुपारी चिन्मय शाळेतून घरी आला तेंव्हा माधव आईच्याच रूम मध्ये बसून आपल्या लॅपटॉपवर ऑफिसचे काम करत बसला होता..
           चिन्मयच्या मागे लगोलग मालतीही आली... तिला इतक्या लवकर बघुन दोघांनाही आच्छार्य वाटले.
          पण ती म्हणाली.
          " काय करू माझ ऑफिसात लक्ष्यच लागत नव्हतं म्हणून आले लवकर.. "
         तिने आईच्या कपाळाला हाथ लावून पाहिला ... ताप कमी झाला होता... खोकलाही आता नव्हता.
        थोड्या वेळात आईही उठली... थोड़ी फ्रेश वाटत होती.. तिचा नेहमीच्या हसरा प्रसन्न चेहरा बघुन सगळ्यांच्या चेहऱ्यावर हसु पसरले..
       चिन्मयला बघुन आज्जीने त्याला जवळ बोलावले; तसा तो टुणकन उडी मारून आज्जीच्या मांडीवर जावून बसला... आज सकाळ पासून पहिल्यांदा आज्जीने त्याला जवळ घेतले होते.
     तो आज्जीला बिलगला तसे सगळे प्रसन्न खुदकन हसले..
आता प्रसंग      दूसरा......................
           सहा महिन्यानंतर,
        माधव कामानिम्मित्त दिल्लीला गेला होता... त्याची आई गावी गेली होती...
      घरात फक्त चिन्मय आणि मालती दोघच...
           त्यादिवशी सकाळी सकाळी चिन्मयला जाग आली, 'अरे सहा वाजून गेले अजुन आई कशी उठली नाही..'
तो मनातल्या मनात म्हणाला..
        आईला उठवण्यासाठी त्याने तिला हाथ लावला तर तो चपापलाच... तिला जाम ताप होता...
         त्याला काय करावे सूचना.. कसबस आईला त्याने उठवल... तिला म्हणाला "आई तुला ताप आहे....चल मी तुला दवाखान्यात घेवून जातो.."
          तशी मालती म्हणाली "चिन्मय राहु दे, मी जाईन थोड्यावेळाने, तू आटोप लवकर.. मी रामभाऊंना सांगते तुला सोडायला शाळेत..."
           "नाही आई मी आज शाळेत नाही जाणार... बाबा पण नाहीत... तूच आटोप आपण दवाखान्यात जावू... मी डॉक्टरांना फोन करतो.."
          अस म्हणत तीच पुढच काही ऐकण्याच्या आत तो बाहेर पळाला... आईच्या फोन मधून डॉक्टरांना फोन लावला... दूसरा फोन बाबांना केला...
             तसा माधव चिंतित झाला... त्याने फोन मालतीला द्यायला सांगितला..
           "काय ग, काय झाल..?"
            "काही नाही कणकण आहे... रात्री गोळी घेतलीय होईल ठीक.. पण आज ऑफिसल नाही जात.." मालती क्षीण आवाजात म्हणाली.
          "कणकण नाही बाबा, चांगला ताप आहे..." मालतीच्या अंथरुणाच्या घड्या घालता घालता तो माधवाला फोन वर ऐकू जाव म्हणून जोरात ओरडला..
          "ठीक आहे एक काम कर, मी रामभाऊंना सांगतो ते तुला दवाखान्यात घेवून जातील आणि तसेच चिन्मयलाही शाळेत सोडतील... तू तयार रहा...डॉक्टरांना ही फोन करतो... आणि तसाही मी संध्याकाळच्या फ्लाईटने परत येतोच आहे...आणि ऐक ज़रा चिन्मयला फोन दे..." माधव म्हणाला.
           चिन्मयने फोन घेतला आणि माधव काही म्हणायच्या आत चिन्मय म्हणाला " बाबा मी शाळेत जात नाहीये.. आईला घेवून दवाखान्यात जातो... आणि ड़ॉक्टर काकांना मघाशीच फोन करून सांगितलय मी..."
           माधव फक्त एवढच म्हणाला "बर ठीक आहे, आईची काळजी घे ... दंगा करू नको.."
           माधवने मग त्याचा ड्राइव्हर रामभाऊ, डॉक्टर यांना फोन करून सांगितले आणि आपल्याला कामाला लागला..
          संध्याकाळी तो घरी आला...
घर निटनेटके स्वच्छ होते... चिन्मयने कुठलाही पसारा केलेला दिसत नव्हता, दिवा बत्ती झाली होती...मालती डोळे मिटुन आपल्या रूम मध्ये पडली होती आणि चिन्मय तिथेच तिच्या शेजारी अभ्यास करत बसला होता...
           त्याची चाहुल लागताच मालतीने डोळे उघडले... चिन्मय पळत माधवला बिलगला...
         माधवने मालतीच्या कपाळाला हाथ लावून पाहिले ताप कमी होता..
         एवढा वेळ हिरमुसलेला चिन्मय आईचा हसरा चेहरा पाहिल्यावर खुदकन हसला आणि आईच्या कुशीत जावून बसला..
            माधवने मग त्याला खेळायला पाठवले आणि तो मालती शेजारी येवून बसला..
           मालतीने मग सकाळ पासूनच सगळ माधवला डिटेल मध्ये सांगितल..
         चिन्मयने पहिल डॉक्टरला फोन केला.. मग रामभाऊंना फोन करून गाडी तयार करायला सांगितली..
            स्वत:च आपल आपल आवरल...आईसाठी घरकामाच्या मावशी कडून चहा करून आणून दिला.
         मला हाथाला धरून गाडी पर्यंत घेवून गेला....गाडीत बसायच तर म्हणाला मागच्या सिट वर बस....
         स्वतः दरवाजा लावला आणि पुढे न बसता माझ्याशेजारी मागे येवून बसला..
         Vडॉक्टर कडून निघाल्यावर रस्त्यात गाडी थांबवायला लावून डॉक्टरांनी दिलेली औषध रामभाऊंना जावून आणायला लावली...
         घरी आल्यावर, बिलकुल दंगा नाही,टीवी नाही... स्वयंपाकवाल्या मावशींनी जे दिले ते चुपचाप खाल्ल आणि दुपारी माझ्यापाशीच झोपला..
          उठल्यावर दूधही आपल आपल घेतल... मला चहा औषध आणून दिली आणि येथेच अभ्यास करत बसला.
         ते सांगताना मालतीच्या डोळ्यात पाणी येत होत..
             तसा तिला जवळ घेत माधव म्हणाला..
          "मालती, मी तुला म्हणाला होतो ना, संस्कार करावे लागत नाही ते पेरावे लागतात...ते आपोआप उगवतात....
                           आपण जे पेरू ते संस्कार महत्वाचे...नाही का ?
   
*संस्कार हे संस्कार असतात*


*स्वतः बदला आपली पिढी नक्की बदलेल*
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Pm modiji

मोदी सरकार ने मीडिया को सरकारी खजाने से दिए 11 अरब रुपये, RTI से सामने आई हकीकत

मोदी सरकार ने मीडिया को सरकारी खजाने से दिए 11 अरब रुपये, RTI से सामने आई हकीकत (वायरल न्यूज़)
*ऐसे ही मीडिया पर नहीं छाए रहते मोदी* प्रधानमंत्री मोदी ने देश में मीडिया पर प्रचार खरीदने के लिए सौ दो सौ करोड़ रुपये नही पूरे 11 अरब रुपये से ज्यादा खर्च किए. मीडिया को बिकाऊ कहने वाले बीजेपी के समर्थकों के लिए ये खबर झटका देने वाली हो सकतीहै. अलग अलग वेबसाइट पर जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक आरटीआई के मुताबिक ये जानकारी सामने आई है. नोटबंदी को लेकर विपक्ष के कठघरे में खड़ी भाजपा सरकार इस खुलासे के बाद और घिर सकती है. आर.टी.आई.के मुताबिक मोदी सरकार ने पिछले ढाई सालों के भीतर अपने प्रचार-प्रसार पर 11 अरब रुपए से ज्याघदा खर्च किए हैं.
ग्रेटर नोएडा के आर.टी.आई. एक्टिविस्टे रामवीर तंवर ने 29 अगस्त 2016 को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से सूचना के अधिकार के जरिए पूछा था कि केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार बनाने से लेकर अगस्ते 2016 तक विज्ञापन पर कितना सरकारी पैसा खर्च किया है. तीन माह बाद जब आर.टी.आई.के जरिए मिले इस जवाब को देखकर आप जरूर चौंक जाएंगे. इसमें बताया गया है कि पिछले ढाई साल में मोदी सरकार ने विज्ञापन पर ग्यारह अरब रुपए से भी ज्यादा खर्च कर चुकी है.
आर.टी.आई. के जरिए मंत्रालय से मिले विज्ञापन की जानकारी में बताया गया कि ब्रॉडकास्डह, कम्यु—निटी रेडियो, इंटरनेट, दूरदर्शन, डिजिटल सिनेमा, प्रोडक्शान, टेलीकास्ट, एसएमएस के अलावा अन्य खर्च शामिल हैं. इनमें पिछले तीन सालों में मोदी सरकार की ओर से करीब ग्यारह अरब से भी ज्यादा रुपया खर्च किया गया है.

प्रचार प्रसार के इन माध्यमों पर किया गया इतना खर्च

SMS –
2014 – 9. 07 करोड़
2015 – 5.15 करोड़
अगस्त 2016 तक – 3. 86 करोड़

इंटरनेट –
2014 – 6. 61 करोड़
2015 – 14.13 करोड़
अगस्त 2016 तक – 1.99 करोड़

ब्राडकास्ट –
2014 – 64. 39 करोड़
2015 – 94.54 करोड़
अगस्त 2016 तक – 40.63 करोड़

कम्युनिटी रेडियो –
2014 – 88.40 लाख
2015 – 2.27 करोड
अगस्त 2016 तक – 81.45 लाख


डिजिटल सिनेमा
2014 -77 करोड़
2015 – 1.06 अरब
अगस्त 2016 तक – 6.23 करोड़

टेलीकास्ट –
2014 – 2.36 अरब
2015-2.45 अरब
अगस्त 2016 तक – 38.71 करोड़

प्रोडक्शन –
2014 – 8.20 करोड़
2015 – 13.90 करोड़
अगस्त 2016 तक -1.29 करोड़

तीन साल में हर साल इतना किया खर्च

2014 – एक जून 2014 से 31 मार्च 2015 तक करीब 4.48 अरब रुपए खर्च

2015 – 1 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2016 तक 5.42 अरब रुपए खर्च

2016 – 1 अप्रैल 2016 से 31 अगस्त 2016 तक 1.20 अरब रुपए खर्च

इस मामले पर आर.टी.आई. एक्टीविस्ट रामवीर तंवर ने कहा कि सुना करते थे कि मोदी चाय के पैसे भी खुद दिया करते थे. ऐसे में मन में विज्ञापन को लेकर सवाल उठने पर आर.टी.आई.लगाई थी. अंदाजा ये था मोदी के विज्ञापनों पर 5 से 10 करोड़ रुपए का खर्चा किया होगा. लेकिन, ढाई साल में 1100 करोड़ रुपए खर्च करने का पता लगने के बाद से निराशा महसूस हुई है. उन्होंने कहा कि जब ढाई साल में 1100 सौ करोड़ का खर्च आया है केवल विज्ञापन पर तो पूरे पांच साल में मोदी जी के विज्ञापनों पर 3000 हजार करोड़ का खर्च आ सकता है. इसकी तुलना उन्होंने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी की और कहा कि वहां सरकार के चुनाव प्रचार में 800 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. जबकि हमारे देश में एक केंद्र सरकार इतना पैसा खर्च कर दिया ये बहुत ही निंदनीय है. अगर इस पैसों को जनता के काम में लगाया जाता तो, ज्यादा बेहतर होता.

Vinod khanna

मुंबई: बॉलिवूडचे ज्येष्ठ अभिनेते विनोद खन्ना यांचं निधन झालं. प्रकृती अस्वास्थ्यामुळे विनोद खन्ना यांच्यावर मुंबईतील रुग्णालयात उपचार सुरु होते. अखेर आज 70 व्या वर्षी त्यांची प्राणज्योत मालवली.

या महिन्याच्या सुरुवातीलाच विनोद खन्ना यांना रुग्णालयात दाखल करण्यात आलं होतं. मुंबईतील गिरगावच्या सर एचएन रिलायन्स फाऊंडेशन अँड रिचर्स सेंटरमध्ये त्यांच्यावर उपचार सुरु होते.

विनोद खन्ना यांचा आगामी सिनेमा ‘एक राणी ऐसी भी’चा ट्रेलर लाँचिंग सोहळा नुकताच पार पडला होता. बिग बी अमिताभ बच्चन या सोहळ्याला प्रमुख पाहुणे म्हणून उपस्थित होते. मात्र प्रकृती बिघडल्याने विनोद खन्ना हजर राहू शकले नव्हते.

विनोद खन्ना यांचा बॉलिवूडमध्ये दबदबा
विनोद खन्ना यांनी ‘मेरे अपने’, ‘कुर्बानी’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘रेशमा और शेरा’, ‘हाथ की सफाई’, ‘हेरा फेरी’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘अमर, अकबर, अँथोनी’ यांसारख्या शानदार सिनेमात काम केलं होतं. विनोद खन्ना यांनी करिअरची सुरुवात निगेटिव्ह भूमिकेने केली होती. नंतर ते हिरो बनले. विनोद खन्ना यांनी 1971 च्या ‘हम तुम और वो’ मध्ये प्रमुख भूमिका साकारली.

राजकारणातही सक्रीय
विनोद खन्ना यांनी राजकीय क्षेत्रातही नशीब अवलंबलं. सध्या ते पंजाबच्या गुरदासपूर मतदारसंघातून भाजपचे विद्यमान खासदार होते.

विनोद खन्ना यांची कारकीर्द

• पेशावरमध्ये 6 ऑक्टोबर 1946 रोजी जन्म
• मन का मीत या सिनेमातून बॉलिवडूमध्ये पदार्पण
• 1968 ते 2013 या काळात 141 सिनेमांमध्ये काम
• मेरे अपने, मेरा गाव मेरा देश, गद्दार, जेल यात्रा, कच्चे धागे, अमर अकबर अँथोनी, राजपूत, कुर्बानी, दयावान, कारनामा हे गाजलेले सिनेमे
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Marathi manoos

"मांसाहार करणार्या मराठी माणसाला बिल्डरने घर नाकारले..."

अशा बातम्या आपण हल्ली सर्रास ऐकतो... तेव्हा लगेच आपल्या डोक्यात विचार येतो, हा एवढा माज यांच्यात येतो कुठून...? मित्रांनो हा माज येतो आर्थिक सुबत्तेतुन... हि सुबत्ता जैन-मारवाडी समाजात प्रचंड आहे म्हणुनच अशा प्रकारे घर नाकारणारे बहुतांशी जैन-मारवाडीच असतात...

मित्रांनो साधी गोष्ट सांगतो... यांच्या आर्थिक सुबत्तेच सगळ्यात महत्वाच कारण यांनी खर्च केलेल्या १०० रूपयातले ७० रूपये जैन-मारवाडी समाजातच परत येतात... कारण कोणतीही खरेदी ते स्वत:च्या समाजबांधवा कडुनच करतात म्हणुन पैसा त्यांच्या समाजातच फिरत राहतो... अगदीच नाईलाज झाला तरच ते बाहेरच्या माणसाकडून खरेदी करतात...

हे आपल्यालाही शक्य आहे... आज मराठी माणसाने खर्च केलेल्या १०० रूपयातले जवळजवळ ९० रूपये बाहेर जात आहेत... मराठी समाजात फक्त १० रूपयेच परत येत आहेत... हेच कारण आहे कि आपल्यातले काहीच आर्थिक सबळ होत आहेत... परंतु समाज म्हणुन आपण सबळ होत नाही...

म्हणुनच माझी सर्वांना विनंती आहे... मी जे सांगतोय त्याची सुरूवात करा... कठीण आहे पण अशक्य नाही... आपल्याकडे धंद्यात उतरणारी मुल कमी आहेत... पण मी जे सांगतोय ते केल तर त्यांना धंद्यात यश मिळण्याची शक्यता वाढेल आणि जास्तित जास्त मराठी मुले धंद्यात उतरतील... आपली एक साधी कृती त्यांना प्रोत्साहन देईल....

 हे नक्कीच  करा
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1) डॉक्टर मराठी निवडा
2) वकील मराठी निवडा
3) इंजीनियर मराठी  निवडा
4) सी.ए मराठी  निवडा
5) भाजी वाला मराठी  निवडा
6) मोबाइल रिचार्ज स्टोअर्स मराठी  निवडा
7) मेडिकल स्टोअर्स मराठी  निवडा
8) दूध डेअरी मराठी  निवडा
9) प्रिटींग प्रेस मराठी  निवडा
10) पेपर मराठी  निवडा
11) स्टेशनरी स्टोअर्स मराठी निवडा
12) कपडयाचे दुकान मराठी  निवडा
13) इलेक्टृनिक व इलेक्टृीकल स्टोअर्स मराठी  निवडा
14) शेती कृषि सेवा केंद्र मराठी  निवडा
15) टृॅव्हल बुकींग मराठी  निवडा
16) फ्लोअर मिल मराठी  निवडा
17) किराणा स्टोअर्स मराठी  निवडा
18) हार्डवेअर दुकान मराठी  निवडा
19) झेरॅाक्स सेंटर मराठी  निवडा
20) हॅाटेल मराठी  निवडा
21) इतर उपयोगी वस्तुसाठी मराठी  व्यापारी निवडा

समाजाच्या माणसाला मोठे करणे म्हणजेच समाज आर्थिक दृष्टया सुदृढ़ करणे होय।
मग बघा 10 वर्षात मराठी समाजाची आर्थिक सुधारणा कशी होत नाही...
जेव्हा घेणारे , विकणारे आणि निर्माता आपणच राहु तेव्हा नक्की मराठी समाजाची आर्थिक स्थिती सुधारेल...

हि पोस्ट प्रत्येक मराठी माणसा पर्यंत पोहोचवा
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अत्यंत सुंदर विवेचन आहे.

अत्यंत सुंदर विवेचन आहे.

पोपट पकडण्याची एक खास पद्धत आहे. एका आडव्या टांगलेल्या दोरीत बऱ्याच नळ्या ओवलेल्या असतात. या प्रत्येक नळीला पोपटाला आकर्षित करेल असे काहीतरी खाद्य चिकटवलेले असते. जेव्हा पोपट नळीवर बसतो, तेव्हा त्याच्या वजनाने नळी गोल फिरते व पोपट उलटा लटकतो. उलटे लटकताच पोपट स्वाभाविकपणे पायात नळी गच्च पकडतो. ही अवस्था पोपटाने कधीच अनुभवलेली नसते. नळी सोडली की आपण पडू, असेच त्याला वाटत राहते. खरे तर नळी सोडल्यानंतर पडू लागताच पंखांचा वापर करून एक गिरकी घेऊन तो सहज उडू शकणार असतो. पण हे "ज्ञान' त्याला होत नाही व तो नळी अधिकच गच्च पकडून लटकलेला राहतो व पकडणाऱ्याच्या हाती पडतो.
याला भयसापळा असे म्हणता येईल.

जेव्हा आपला पोपट झाला आहे असे वाटते व तरीही आपण त्या परिस्थितीतून सुटूच शकत नाही, तेव्हा आपण कशाला भीत आहोत ते नेमके पाहावे. "हा आधार गेला तर,' अशी भीती असते तेव्हा. जर काही काळ निराधार व्हायची तयारी दाखवली, तर आपणही उडून जाऊ शकत असतो. पडायची शक्‍यता ज्याला जराही नको वाटते, तो उडू शकत नाही..!

माकडे पकडायचीदेखील एक खास पद्धत आहे. एक मडके मातीत पुरून ठेवतात. मडक्‍यात एक फळ असते माकड ते फळ काढण्यासाठी मडक्‍यात हात घालते. मडक्‍याचे तोंड हे अगदी नेमक्‍या आकाराचे बनविलेले असते; असे की फळ सोडून दिले तर माकडाचा हात बाहेर निघू शकेल; पण फळासकट हात बाहेर काढायला जावे, तर हाताचा आकार वाढल्याने हात अडकेल. माकडाच्याने फळ सोडवतही नाही आणि त्यामुळे हात बाहेर काढता येत नाही. निर्णय न घेता येण्याच्या या "अवस्थे'त माकड मनाने अडकते व शरीराने मडक्‍यापाशी. या सापळ्याला मोहसापळा असे म्हणता येईल.

आपले ज्या परिस्थितीत "माकड' झाले असेल, तीत असे काय आहे की ज्याचा मोह आपल्याच्याने सोडवत नाहीये, हे जर बघता आले तर कदाचित ती गमावणूक वाटते तेवढी मोलाची नसेलसुद्धा! थोडेसे सोडून देऊन संपूर्ण सुटता आले तर वाईट काय? निदान या मर्यादित अर्थाने "फलत्याग' नक्कीच मुक्तिदायक नाही काय?

पोपटानं एकदा तरी आधार सोडून पाहावा. माकडानं एकदा तरी फळ सोडून पाहावं,
हे जमायला अवघड नसतं. पटायलाच अवघड असतं.

भयसापळा, मोहसापळा हे माणसाच्या मनातूनच तयार झालेले असतात. त्यामुळे त्यातून बाहेर पडणे अवघड नसते; पण सुटकेचा हा मार्ग सोपा असला तरी पटायला अवघड असतो.



हि दोन्हीही उदाहरणे  ज्ञानेश्वर माउलींनी ज्ञानेश्वरीत दिलेली  आहेत  छान  मेसेज  आला म्हणून  पाठवला🙏🏽
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Good

*_अतिशय सुंदर रचना आहे. पूर्ण वाचून  घ्या. ही २० कडवी म्हणजे २० रत्ने आहेत._*

अतीकोपता कार्य जाते  लयाला,
अती नम्रता पात्र होते भयाला ।
अती काम ते कोणतेही नसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। १ ।।

अती लोभ आणी जना नित्य लाज,
अती त्याग तो रोकडा मृत्य आज ।
सदा तृप्त नेमस्त सर्वां दिसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। २ ।।

अती मोह हा दु:ख शोकास मूळ,
अती काळजी टाकणे हेही खूळ ।
सदा चित्त हे सद्विचारे कसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। ३ ।।

अती ज्ञान अभ्यासल्या क्षीण काया,
अती खेळणे हा भिकेचाच पाया ।
न कष्टाविणे त्वा रिकामे बसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। ४ ।।

अती दान तेही प्रपंचात छिद्र,
अती हीन कार्पण्य मोठे दरिद्र ।
बरे कोणते ते मनाला पुसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। ५ ।।

अती भोजने रोग येतो घराला,
उपासे अती कष्ट होती नराला ।
फुका सांग देवावरी का रुसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। ६ ।।

अती स्नेह तेथे अवज्ञा उदंड,
अती द्वेष भूलोकीचे पंककुंड ।
अती मत्सरे त्वां कशाला कुसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। ७ ।।

अती आळशी वाचुनी प्रेतरूप,
अती झोप घे तोही त्याचाच भूप ।
सदा सत्कृतीमाजी आत्मा विसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। ८ ।।

अती द्रव्यही जोडते पापरास,
अती घोर दारिद्य्र तो पंकवास ।
धने वैभवे त्वां न केंव्हा फसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। ९ ।।

अती भाषणे वीटती बुद्धिवंत,
अती मौन मूर्खत्व ते मूर्तिमंत ।
खरे तत्त्व ते अल्पशब्दे ठसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। १० ।।

अती वाद घेता दुरावेल सत्य,
अती `होस हो' बोलणे नीचकृत्य ।
विचारे तुवा ज्ञानमार्गी घुसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। ११ ।।

अती औषधे वाढवितात रोग,
उपेक्षा अती आणते सर्व भोग ।
हिताच्या उपायास कां आळसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। १२ ।।

अती दाट वस्तीत नाना उपाधी,
अती शून्य रानात औदास्य बाधी ।
लघुग्राम पाहून तेथे वसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। १३ ।।

अती शोक तो देतसे दुःखवृद्धी,
अती मानतो हर्ष तो क्षूद्रबुद्धी ।
ललाटाक्षरां सांग कोणी पुसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। १४ ।।

अती भूषणे मार्ग तो संकटाचा,
अती थाट तो वेष होतो नटाचा ।
रहावे असे की न कोणी हसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। १५ ।।

स्तुतीला अती बोलती श्वानवृत्ती,
अती लोकनिंदा करी दुष्ट चित्ती ।
न कोणा उगे शब्द स्पर्शे डसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। १६ ।।

अती भांडणे नाश तो यादवांचा,
हठाने अती वंश ना कौरवांचा ।
कराया अती हे न कोणी वसावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। १७ ।।

अती गोड खाणे नसे रोज इष्ट,
कदन्ने अती सेवणे हे कनिष्ठ ।
असोनी गहू व्यर्थ खावे न सावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। १८ ।।

जुन्याचे अती भक्त ते हट्टवादी,
नव्याचे अती लाडके शुद्ध नादी ।
खरे सार शोधोनिया नित्य घ्यावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। १९ ।।

सदा पद्य घोकोनियां शीण येतो,
सदा गद्य वाचोनियां त्रास होतो ।
कधी ते कधी हेही वाचीत जावे,
प्रमाणामधे सर्व काही असावे ।। २० ।।

*शांतपणे वाचा आणि प्रत्येक श्लोक जगा !!!*
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प्रमुख दत्तभक्त* 🌹 🌼 *गुळवणी महाराज* 🌼1

🌹 *प्रमुख दत्तभक्त* 🌹


🌼  *गुळवणी महाराज*  🌼

*भाग  १*


(सन १८८६-१९७४)
वामनरावांचे पिताजी दत्तभट गुळवंणी हे नारायणभटजींचे चिरंजीव. गुळवणी हे कोल्हापूर भागातील कौलवगावचे एक सदाचारसंपन्न मध्यमवर्गीय कुटुंब. वामनरावांच्या मातुश्री उमाबाई या जवळच्या पंचक्रोशीतल्या श्री. मारुतीपंत कुलकर्णी यांच्या कन्या. वामनरावजींचे मातापिता दोघेही विरक्त आणि महान्‌भगवद्‌भक्त होते. वाडीची वारी करण्याचा त्यांचा प्रघात होता.वामनरावांचा जन्म २३ डिसेंबर १८८६ गुरुवार रोजी कुडुत्री येथे झाला. *‘शुचीनां श्रीमतां गेहे योगभ्रष्टोऽभिजायते’* या भगवदुक्तीप्रमाणे सदाचार संपन्न वैराग्यशील कुटुंबात त्यांचा जन्म झाला.
वयाचे आठवे वर्षी उपनयनसंस्कार झाल्यावर वडील बंधूंनी संध्या, पूजा, वैश्वदेव, पुरुषसूक्त वगैरे धार्मिक आचारांचे शिक्षण दिले. कोल्हापुरात पं. आत्मारामशास्त्री पित्रे यांचेकडे रूपावली, समासचक्र, अमरकोश, रघुवंश ८ वा सर्ग, अजविलाप, पंचतंत्र वगैरे संस्कृत ग्रंथांचे अध्ययन झाले.वामनरावांना उपजतच चित्रे काढण्याचा नाद होता. १९०६-७ साली त्यांनी डॉइंगच्या दोन्ही परीक्षा दिल्या आणि थर्डग्रेड परीक्षेसाठी ते मुंबईस जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट या कलासंस्थेत गेले. वामनरावांनी विवाह करून प्रपंच थाटावा या हेतूने वडील बंधू व मातोश्रींनी वामनरावांना सांगून पाहिले. पण विवाहसंस्कार व्हावा, सामान्यांप्रमाणे ते संसारी-प्रापंचिक गृहस्थ व्हावे असा विधिसंकेत नव्हता. अशाच काही दैवी घटना या तरूण २१ वर्षांच्या वामनरावांच्या जीवनात घडून आल्या.
१९०७ साली गुरुद्वादशीस स्वामी वासुदेवानंदसरस्वती महाराजांचा मुक्काम नरसोबाचे वाडीस होता. महाराजांनी याउत्सवात भाग घेऊन प्रसाद ग्रहण केला. या वेळी वामनराव कोल्हापूर मुक्कामी होते. ‘दत्ताचा एक फोटो व एक हार तयार करून वाडीस ये’ असा वडील बंधूंचेकडून वामनरावांस निरोप आला. त्याप्रमाणे ते फोटो व हार घेऊन आले. स्वामींचे दर्शन झाले. महाराजांना फोटो पाहून समाधान वाटले. त्या प्रसंगी वामनरावांना महाराजांचे हस्ते प्रसादयुक्त अशी एक हातात बांधण्यासाठी पेटी मिळाली. ती वामनरावांचे हातात सतत असे. गुरूंचा हा प्रथमदर्शनी मिळालेला प्रसाद एक शुभचिन्हच होते. वामनरावजींच्या सर्व जीवनास त्यामुळे कलाटणी मिळावी असा हा अभूतपूर्व योगायोग होता.मध्यंतरी प्लेगचा प्रादुर्भाव झाला. प्लेगने वामनरावांना झपाटले, ते दहा दिवस बेशुद्धावस्थेत होते. प्लेगची गाठ तशीच होती. श्रीगुरुचरित्राची पारायणे सुरूकेल्यावर गाठ फुटली व बरे वाटले. वामनरावांचा पुनर्जन्म झाला. श्रद्धा दृढ झाली. नंतर वाडीस येऊन माधुकरी मागून वामनरावजींनी श्रीगुरुचरित्राचे सात सप्ताह केले. श्रीगुरुकृपा फळाला आली.
 श्रीगुरुदत्तात्रेयाचे ते निस्सीम उपासक झाले.या सुमारास पवनी या गावी श्रीवासुदेवानंदसरस्वती महाराजांचा चातुर्मास झाला. वडील. बंधूंनी वामनरावांस मातोश्रींना घेऊन येण्याविषयी सांगितले. वामनराव पवनीस झाले आणि योगागोग असा की, महाराजांकडून अनंतचतुर्दशीच्या पुण्यदिवशी त्यांना अनुग्रह मिळाला. वामनरावजींच्या जीवनातला हा सुवर्णमंगल दिवस !
वामनरावजींनी मुंबईस नोकरीनिमित्त काही खटपट केली; पण जमले नाही. मग उपरती झाली. अंगावरील फक्त दोन वस्त्रे व लोटा घेऊन ते गाणगापुरास जाण्यास निघाले. वाटेत अत्यंत त्रास झाला. दौंडला कडक उपवास घडला. तो एकादशीचा दिवस होता. त्या दिवसापासून वामनरावांचे नित्याचे एकादशीव्रत सुरू झाले.गाणगापूर क्षेत्री श्रीगुरुचरित्र सप्ताह सुरू झाले. सातवे पारायण एक दिवसात केले. सात पारायणे संपवून सांगता केली. जवळ काही नव्ह्ते, म्हणून जवळची छत्री व वस्त्रे पुजार्यास देऊन सप्ताहाची सांगता केली. दृढभक्ती अंगी बाणली म्हणजे मनाचा ताबा शरीरावर केवढा बसतो व केवढे कार्य घडते याचे हे मूर्तिमंत उदाहरण आहे.
गाणगापुरी श्रीगुरुचरित्राचे सप्ताह पुरे झाल्यावर गुरुदर्शनाची ओढ लागली. महाराज त्या वेळी हावनूर या भागात संचार करीत होते, असे समजल्यावरून वामनराव पायीच शोधार्थ निघाले. गाणगापुराहून पायीच हुटगी-विजापूर सतीमनी गाठले. धारवाडजवळील मथिहाळ दत्तमंदिरात महाराजांचा मुक्काम आहे. ही बातमी मिळताच ते गदगहून धारवाडला गेले. जवळ तिकिट काढायला पैसे नव्ह्ते, म्हणून घोंगडी होती ती विकून दोन रुपये मिळाले, ते तिकिटासाठी खर्च झाले.ते धारवाडला पोचले आणि स्वामीमहाराज तेथून पुढे संचारासगेले होते असे समजले ! मग पुढे पदयात्रा सुरू झाली.
गुरूचा शोध ही अंतरीची तळमळ प्रेरक ठरली व त्यापुढे कोणत्याही अडचणी आल्या तरी त्यांना न जुमानता पुढील मार्ग सुरू झाला. गदग, हरिहर, तुंगभद्रा-संगमावरील कुडलीमठ, पुन्हा हरिहर, हुबळी, गदग, आंबेगिरी या गावी आले. प्रत्येक ठिकाणी महाराज येथे होते, पण येथून ते पुढे गेले अशी बातमी मिळे. मग ते मल्लापूर, बागलकोट, हावनूर या गावी गेले. हावनूर गावी महाराजांचा मुक्काम गावाबाहेर त्रिकुटेश्वरमंदिरात होता. महाराजांच्या दर्शनार्थ इतके दिवस तळमळणारे वामनराव या गावी आले आणि तडक मंदिरात जाऊन त्यांनी महाराजांचे दर्शन घेतले. ‘मी येथे आपली सेवा करून राहणार’ असा आग्रह वामनरावांनी धरला, एकभुक्त राहायचे, माधुकरी मागून उदरनिर्वाह करावयाचा व सदासर्वकाळ गुरुसेवेत घालवावयाचा, असा कार्यक्रम सुरू झाला. रोज तुंगभद्रेचे स्नान घडे. महाराजांच्या तोंडून गीतापाठ व ब्रह्मसूत्रवृत्ती ऐकायला मिळे.
 महाराजांनी वामनरावांना गीता व विष्णुसहस्रनाम याची संथा स्वत: दिली. गुरूंचा अनुग्रह मिळाल्याने वामनरावांचे भाग्य दुणावले. आपले गुरू हे साक्षात्‌ दत्तावतार आहेत, अशी साक्ष याचवेळी वामनरावांना पटली होती.महाराजांनी वामनरावांना या मुक्कामात आसने, प्राणायाम व अजपाजप या मंत्राची दीक्षा दिली. *'माझ्या आयुष्यातला हा सहवास परमभाग्याचा व आनंददायक’* असे वामनरावजी नंतरही सांगत.वामनरावांनी या मुक्कामात तुंगभद्रेचे एक सुंदर चित्र तयार केले. महाराजांनी त्रिपुरांतकेश्वरावर एक सुंदर काव्य रचिले होते. वामनरावांनी श्लोक हारबद्ध करून देवीच्या चित्राच्या गळ्यात तो हार घातला. महाराजांना फार समाधान झाले. वामनरावांनाही आपल्या कलेचे चीज झाले असे वाटले.त्यानंतर महाराज जेथे जेथे संचारास जातील तेथे तेथे त्यांचे समवेत वामनराव जात. सेवा कधी चुकली नाही-कधी अंतर पडले नाही.मधूनमधून वामनराव गाणगापूर, नरसोबावाडी, औदुंबरास जात. औदुंबरास सन १९१२ साली त्यांनी श्रीमालामंत्राचे पुरश्चरण केले. मातुश्री बरोबर होत्या.
श्रीक्षेत्र गरुडेश्वरी महाराजांचा मुक्काम असताना तेथे त्यांनी ब्रह्मसूत्रवृत्ती, दशोपनिषदे, श्वेताश्वतर, कैवल्यमौक्तिक ही उपनिषदे समजावून सांगितली. या मुक्कामात वामनरावांना महाराजांकडून ‘धोती’ची पद्धती शिकून घेता आली व दीक्षा मिळाली.टेंबेस्वामी यांनी एकमुखी दत्ताचे स्तवन केले होतेते असे :---

*मालाज्कमंडलुरध:करपद्मयुग्मे ।मध्यस्थपाणियुगुले डमरूत्रिशूले ।यस्य स्त ऊर्ध्वकरयो: शुभशंखचक्रे ।वन्दे तमत्रिवरदं भुजषधकयुक्तम्‌ ॥*

या ध्यानाप्रमाणे वामनरावांनी एकमुखी दत्ताचे सुंदर चित्र तयार केले, त्याप्रमाणे षोडश अवतारांपैकी सिद्धराज, अत्रिवरद, कालाग्निशमन, अवधूत, आदिगुरू लक्ष्मीनरसिंह, अशी  सुंदर चित्रे तयार करून दिली. दत्तात्रेयाचे चित्र इतके सुंदर, भावपूर्ण, प्रसन्न आहे की, त्याच्या लक्षावधी प्रती आता घरोघरी दिसतात.
दत्तात्रेयांचे चित्र काढण्यास सुरुवात करण्यापूर्वी वामनरावजींना स्वप्नात दत्तात्रेयांचे साक्षात्‌ दर्शन झाले होते व त्याच भावावस्थेत हे प्रासादिक दत्तचित्र तयार झाले ! चित्रकलेची सार्थकता झाली !महाराजांच्या कृपेने महाराजांचे परमभक्त श्रीगांडाबुवामहाराज, श्रीगोविंदमहाराज पंडित, श्रीसीताराम महाराज यांचेशी वामनरावांचा सहवास घडला.
वामनरावांनी १९१७ ते १९२६ पर्यंत १० वर्षे बार्शी येथे म्युनिसिपल शाळेत व १९२६ ते १९४२ पर्यंत पुणे तेथे नू. म. वि. हायस्कुलात डॉइंग शिक्षक म्हणून काम केले.वामनराव हे एक उत्तम चित्रकार होते. पण कलेचा त्यांनी कधी व्यापार-बाजार केला नाही. साधुसंतांचे, देवादिकांचे, सद्‌गुरुमहाराजांचे अनेक फोटो त्यांनी काढले. चित्रे रंगविली, पडदा तयार करून दिला. क्रेपची फुले तयार केली व ती कला अनेकांना शिकवली. चक्रांकित कुंडलिनीचे एक सुंदर चित्र तयार करून त्यांनी उडुपीचे महाराजांना अर्पण केले.

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नामसमाधी

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🌻🌻।। नामसमाधी ।।🌻🌻
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★★
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       ★ नामाच्या अभ्यासाच्या तीन पायर्याआहेत .
पहिली पायरी ---नामाला काहीतरी दृष्य आधार घेतल्र्याशिवाय नाम घेता येत नाही . उदा. आसन घालणे , विशिष्ट जागा लागणे , ठरलेली वेळ होण , स्नान करणे , हातात माळ घेणे , उदबत्ति थूप लावणे ,  समोर सद्गुरूचे चित्र ठेवणे , पादुका ठेवणे  , स्तोत्रे अवा अभंग मोठ्याने म्हणणे , नामसंकीर्तन करणे म्हणजे नाम मोठयाने म्हणणे , इतर नामधारक बरोबर घेणे , आजुबाजुला अगदी शांतता लागणे , प्रकृती बरी असणे , इतर संसारी कटकटी नसणे  या सगळ्या नामाच्या उपाधि आहेय . त्या असल्या तरी वाहवा नसल्या तरी वाहवा .    
      ★ दुसरी पायरी --- डोळे व तोंड बंद ठेवून नाम घता येते .नाम घेतांना मन इकडे तिकडे धावते .ह्रदयात सद् गुरूचे चरण धरावे . मन त्यावरून उडाले तरी नाम चालू ठेवावे .मन मधूनच परत यते .नामाची चिकाटी ठेवली तर मनाची स्थिरता वाढते .पुढे पुढे मन धावले तरी त्यास परत आणण्यास कष्ट पडत नाहीत .हा अभ्यास सिध्द झाला असे केव्हा म्हणावे ? ,तर नाम घ्यायला बसले की मन चटकन नामाभोवती गोळा होते तेव्हा . इतकेच नव्हे तर बाहेर गडबड -गोंधळ चालू असून मन मग नामाला सोडून भटकत नाही .बाहेरचा कोणताही आधार न घेता नामाला बसले की मन नामाभोवती गोळा होते .
      ★ तिसरी पायरी ---नित्यनियमाप्रमाणे नामाला बसल्यावर  नाम सुंदर चालतेच पण नियम आटोपल्यावर संसारातील व्यवहार होत असता नामाचा आतील प्रवाह जसाच्या तसाच चालतो . जातायेता , देता घेता ,  खाता पिता , चालता बोलता , नामात खंड पडत नाही .सद्  गुरूचे सानिध्य  प्रत्यक्ष भासू लागते .नामाचा प्रवाह  व
सद् गुरूचे अनुसंधान हे दोन्ही प्रवाह समांतर चालतात .मधेच प्रेमवृत्ति उदय पावून दोन्ही प्रवाह एकमेकात मिसळतात . मनाला एक विलक्षण शांतपणा वाटतो . प्रथम ती शांती फार वेळ टिकत नाही .पण तिची किंमत फार मोठी असते . मोठे दु:ख अंगावर कोसळले तरी नामधारक आतून विचलित होत नाही . स्वरूपशांतीचा हा अनुभव नामाची चटक वाढवूनच जातो .

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पैशाच्या आसक्तित राहू नये.



पैशाच्या आसक्तित राहू नये.

कामवासना आणि पैसा ही दोन्ही परमार्थाला विघातक आहेत; पण मला जर कोणी विचारले की, 'त्यातल्या त्यात जास्त घातक कोणते ते सांगा ?' तर मी सांगेन की, 'पैसा हा त्यांतला त्यात परमार्थाला जास्त हानिकारक आहे. पैसा हा भगवंताची निष्ठा कमी करतो.' भगवंताने आपल्याला पैसा दिला आहे, तो आपण सत्पात्र आहोत म्हणून का दिला आहे ? यासाठी, भिकार्‍याला पैसा देताना उगीच वाद घालू नये. तसे करणे म्हणजे काही न करण्याची बुद्धी होय. एखादा त्यागी मनुष्य सर्व देईल पण 'स्व' देणार नाही. 'स्व' देऊन मग 'सर्व' ठेवले तरी चालेल, पण 'सर्व' देऊन 'स्व' ठेवला तर ते मात्र चालणार नाही; म्हणजेच, 'मी देतो' ही भावना राहिली तर सर्वच देणे वाया जाते. मुख्य म्हणजे त्यातली वासना गेली पाहिजे, तर खरे सुख लागते.

देह हा पाया धरून त्यावर इमारत बांधू लागलो तर इमारत पक्की कशी होणार ? मी 'माझा' देह म्हणतो, पण ताप येणे न येणे, इजा होणे न होणे, हे आपल्या हातात आहे का ? 'मी माझे रक्षण करीन ' असे म्हणतो, पण वाटेत ठेच लागून पडल्यावर लोकांनी मला घरी आणावे लागते; म्हणजे जीवित किती परस्वाधीन आहे ! देहाने कितीही कार्य केले तरी ते कळसाला नाही पोहोचणार. अभिमानाने केलेले कार्य कसे कळसाला पोहोचणार ? एक भगवदिच्छेने कार्य केले तरच ते शेवटाला जाते. समर्थांनी देहबुद्धी नष्ट करून, रामाचे अधिष्ठान ठेवून कार्य केले; म्हणून त्यांना एवढे कार्य करता आले. जो भगवंताचा झाला त्याचेच कार्य पूर्ण झाले, आणि त्यालाच खरे समाधान मिळाले.

राजाच्या पोटी आलेले देखील भिकारी होऊन जातात, मग मी संपत्तीचा कुठे गर्व करावा ? पैशाने प्रेमात बिघाड येतो आणि अगदी जवळचे नातेवाईकसुद्धा दूर होतात. मी खरे सांगतो, पैशाच्या आसक्तित तुम्ही राहू नका. ही आसक्ति नाहीशी करण्याचा सोपा उपाय म्हणजे संतसमागम हाच होय. आज खरे संतच कुठे आहेत असे आपण म्हणतो, पण आम्हाला संत भेटावा ही तळमळच खरी लागलेली नसते. संतात संतपणा दिसत नाही याचे कारण आमच्यात तळमळ नाही. सत्ययुगात जो राम होता तोच आजही आहे, पण माझा भावच कमी झाला त्याला काय करावे ! संतांना आपण खोटेपणा देतो. पण माझा भाव शुद्ध नाही हे नाही जाणत. विषयात सुख आपल्या इच्छेप्रमाणे मिळत नाही, म्हणून आपण संताकडे जातो. पण संताला अर्पण करून घेण्याकरिता कितीजण संताकडे जातात ? देवाकरिता देवाकडे जाणारे किती बरे निघतील ?

मनाने नेहमी 'मी रामाचा आहे' ही भावना ठेवावी.

Swami katha

*🌹श्री🌹स्वामी🌹समर्थ*




*आजची स्वामी कथा*🙏🏻👇🏻




*मोहाचे पाश*





*बापट नावाचा एक व्यक्ती स्वामीभक्त होता.स्वामींच्या दर्शनासाठी आलेले लोकांचीराहायची सोय तो करायचा,जे प्रेमानी मिळायचे ते स्वीकारायचा.त्याची उपजीविका नाक्यावर जकात वसूल करायची होती.पण हळू-हळू त्याला लाच खाऊन लोकांना कमी कर घेऊन सोडायची वृत्ती होते.काही दिवसांनी त्याच्या मुलाला दम्याची बाधा होते,दिवस प्रती-दिवस रोग वाढत जातो.एक दिवस त्याच्या बोलवण्याला हुसकावून वैद्य दुसऱ्या गावी पाटीलाच्या मुलाला पाह्यला जातात.बापट विचार करतो की आपण श्रीमंत नाही म्हणुन आपल्या कडे न येता वैद्यबुवा पाटला कडे गेले.मग तो श्रीमंत व्हायला काहीही करायचे ठरवतो.भयंकर लाच खायला लागतो. स्वामी दर्शनाला आलेले जे लोकं त्याच्याकडे मुक्काम करायचे त्या लोकांना अपमानित करुन भयंकर पैशे उकळतो.काहीही करू पण श्रीमंत होऊ आणी चांगल्यात चांगला वैद्य आणून आपल्या शरदचा आजार बरा करू.एक-दोन दा अटक व्हायची पण वेळ येते पण शिपायाला लाच देउन तो सुटतो.आजार बरा होत नाही, म्हणुन तो स्वामींकडे सांकडं घालायला जातो.स्वामी त्याला वाल्या-कोळ्याची गोष्ठ सांगतात.त्या गोष्टीचा बोध असा -"आपले पापांचे आपणच जवाबदार असतो, पत्नी आणी मुलांना पाप करुन प्राप्त धनानि कितीही सुख दिले तरी ते पापाचे वाटे करून सतात. म्हणुन माणसांनी नितीपूर्वक सचोटीने वागावे.घरच्यांना सुख देण्या साठी अडलेल्या-नडलेल्या लोकांचा छळ करू नये."पण बापटवर काही परिणाम न होता तो परततो.स्वामींनी काही आश्वासन न दिल्या बद्दल तो ना खुश असतो.एकदा त्याचे चार मित्र येतात. ते आप-आपल्या परिवाराची सर्व व्यवस्था लाऊन, 'वैराग्य पत्करून स्वामी चरणात शेवटचे आयुष्य काढू',असा विचार करुन येतात.त्यांचा मुक्काम बापट कडेच असतो. त्यांच्या समोर पुन्हा बापट ला अटक व्हायची वेळ येते पण त्या मित्र पैकी एकाची मोठ्या अधिकार्याशी मैत्री असल्या मुळे बापट पुन्हा सुटतो.पण बापट आपलं वर्तन सुधारत नाही.ते चारी जण स्वामींकडे येऊन आपला मनोगत सांगतात. स्वामी चोळप्पाला सांगून त्यांची राहण्याची व्यवस्था करवतात.बापटला पुन्हा अटक होते पण या वेळेला तो काहीही करुन सुटत नाही.इकडे शरदचा रोग फार वाढतो. बापटची बायको मनात स्वामींची करुणा भाकते.स्वामी चोळप्पा च्या हाती औषध पाठवतात.ते औषध खाऊन शरद अगदी खड-खडीत बरा होतो.एका रात्री चारी मित्र झोपले असतांना, रात्री चोर त्यांच सामान चोरी करता..ते सर्व विलाप करतात आणी दुसऱ्या दिवशी स्वामी कडे घाराणं घालतात.स्वामी म्हणतात: " छान झालं ! सुंठेवाचून खोकला गेला!""अरे तुम्ही सर्वस्व त्याग करुन वैराग्य पत्करायला आले ना? मग जरासे ऐवज गेलेतर का विलाप करतात?""अरे वैराग्य सोपे नाही, आधी ते मनात आले पाहिजे. मनात वैराग्य नसले आणी जर घर-दार सोडून वनात जाणार तर वनात दुसरे घर तयार होईल.""आधी मनातून मोह,चिंता,लालसा हे सर्व शत्रू काढा, तेव्हा खंर वैराग्य येईल."बापट ची बायको शरद ला घेऊन स्वामी कडे आभार व्यक्त करायला येते.अटक झालेला बापट सुद्धा शिपायाची गया-वया करुन येतो.स्वामी म्हणतात:" अरे बापटा ! शरद तुझ्या वाईट कर्मांच्या फळा मुळेच आजारी पडला होता."आणी ते वाईट कर्म गुरु-भक्ती किंवा नामस्मरण करुन नष्ट करायचे सोडुन तु आणखी वाईट कर्मांचा भर घालत होता,""म्हणूनच शरद चा आजार वाढत जात होता.""अरे पानं-पाचोळ्याला लागलेला विस्तव अजून पानं घालुन कसा शांत होणार, आणी तु नामस्मरणाचे पाणी घालायच्या जागी आणखी पानं घालुनतो विस्तव वाढवत होता.""आम्ही तुला वाळ्याची गोष्ठ सांगितली तरीही तुला काहीही बोध झालं नाही.""अरे वाळ्यानी अफाट पाप केले पण त्याच्या तोडीचे नामस्मरण करुन ते नष्ट केले.""पाप करतांना सहज होत गेले पण त्यांचा विमोड करतान त्याला कठोर तपस्या करावी लागली.""आणी तपस्या पण साधी नाही, जेवढा वेळ पाप करण्यात गेला त्याच्या अनेक-पट वेळापर्यंत त्याला तपस्या करावी लागली.""एवढा एकनिष्ठ झाला कि शरीरावर मुंग्यांनी वारूळ केले तरी त्याला कळले नाही."बापटला आपली चूक कळते, तो पुन्हा पहिल्या सारखा सचोटीनी आणी निष्ठेनी वागण्याचं ठरवतो."*


*🌹स्वामीगुरूमाऊली🌹*



*आजची स्वामी कथा*🙏🏻👆🏻

Good

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
🌹          माणसाने                 🌹
🌹 "शिक्षणा"आधी "संस्कार"    🌹
🌹"व्यापारा" आधी "व्यवहार"   🌹
🌹             आणि                  🌹
🌹"देवा"आधी "आईवडीलांना"  🌹
🌹      समजुन घेतले तर,         🌹
🌹   "जीवनात" कोणतीच        🌹
🌹     अडचण येणार नाही !     🌹
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
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Chatrpati shivaji maharaj ki jay

🚩 *छत्रपती दैवत आमचे,*
*मुखी दूसरे नाव नाही..!!*🚩
   🚩 *"लाज वाटते ज्याला"भगव्याची"*
*ती हिंदूची औलाद नाही..!!*🚩
  🚩 *"भगवी आमची दादागिरी*,
*भगवी आमची झडप...!!*🚩
  🚩 *नाद* 💪 *कराल"शिवभक्तांचा,*
*तर करू 🔪दुनियेतून गडप..!!*🚩
       🚩 *कल भी कहा था,*
   *आज भी सुनलो..*.🚩🚩🚩
       🚩 *साऱ्या जगचा राजा,*
    *शिवराय माझा..*🚩
जय शिवराय



Good

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जसं,
गाईच प्रेम,
वासरावर ...!
                  तसं,
                  आईच प्रेम,
                 लेकरावर ...! ♡
जसं,
बायकोच प्रेम,
नव-यावर ...!
                तसं,
                फूलपाखराच प्रेम,
                फूलावर ...! ♡
जसं,
रात्रीच प्रेम,
दिवसावर ...!
               तसं,
               स्वप्नांच प्रेम,
               सत्यावर ...! ♡
जसं,
चंद्राच प्रेम,
चांदणीवर ...!
                 तसं,
                 कवीच प्रेम,
                 शब्दावर ...! ♡
जसं,
मजनूच प्रेम,
लैलावर ...!
                 अगदी तसचं,
                 माझं प्रेम आहे,
                      माझ्या  मित्रांवर...! ♡❤
   
      ➳ ➳ 💔❣💔 ➳
   🌺🌺फक्त मिञासाठी🌺🌺
 🌹दिल दोस्ती दूनीयादारी🌹

Aai mother

*||  आई   ||*

 *घर सुटतं पण आठवण कधीच सुटत नाही...*
*जिवनांत आई नावाचं पान कधीच मिटत नाही*
*सारा जन्म चालुन पाय जेव्हा थकुन जातात...*
*शेवटच्या श्वासाबरोबर आई हेच शब्द राहतात*

                *" स्वामी तीन्ही जगांचा,*
                    *आई विना भिकारी..."*

                *" आ " म्हणजे "आत्मा"*
                *"  ई  " म्हणजे ईश्वर..."*

*आत्मा व परमात्मा यांचे एकरुप ती.."आई"*


💐💐💐💐*||  आई   ||*

 *घर सुटतं पण आठवण कधीच सुटत नाही...*
*जिवनांत आई नावाचं पान कधीच मिटत नाही*
*सारा जन्म चालुन पाय जेव्हा थकुन जातात...*
*शेवटच्या श्वासाबरोबर आई हेच शब्द राहतात*

                *" स्वामी तीन्ही जगांचा,*
                    *आई विना भिकारी..."*

                *" आ " म्हणजे "आत्मा"*
                *"  ई  " म्हणजे ईश्वर..."*

*आत्मा व परमात्मा यांचे एकरुप ती.."आई"*


💐💐💐💐💐💐💐💐

Sister

*वेडी ही बहीणीची माया*.....

भावांचे लग्न झाल्यावर बायकोमुळे भाऊ किती बदलतात, याचे एका बहिणीच्या नजरेतून मांडलेली वास्तवदर्शी कवीता.
जरुर वाचा आणि मित्रांना पाठवा...

माणसांच्या गर्दीत
हरवून बसला माझा भाऊ
सांगा ना त्याला
भेटायला कोणत्या पत्त्यावर येऊ......

एकुलता एक दादा
त्याला जिवापाड जपला
लग्न झाल्या पासून
वाहिनी च्या पदरा आड लपला
एक दिवस तरी नको वाहिनी ला भिऊ
सांग ना रे
भेटायला कोणत्या पत्त्यावर येऊ......

नको दादा साडी मला
नको पैसा पाणी
तुझ्या सूखा साठीच
देवा ला करते विनवणी
सांग तुला कोणत्या रंगाचा  शर्ट घेऊ
सांग ना तुला
भेटायला कोणत्या पत्त्यावर येऊ. ....

काम गेलं तुझ्या दाजीचं
म्हणून दुसऱ्याच्या शेतात कामाला जाते
तळ हातावरले फोड बघून
तूझी आठवण येते
दादा चढउतार होतात जीवनात
तू घाबरुन नको जाऊ
सांग ना तुला
भेटायला कोणत्या पत्त्यावर येऊ. ...

उचलत नाहीस फोन म्हणून
वहीनीला केला
Wrong नम्बर करत
कट त्यांनी केला
नसेल ओळखला आवाज म्हणून त्रास नको देऊ
दादा सांग ना रे
भेटायला कोणत्या पत्त्यावर येऊ. ...

आई बाबा सोडून गेले
घर पोरकं झालं
आठवणींचे आभाळ
डोळ्यामधी आले
वाईट वाटते शेजारी येतात  जेव्हा त्यांचे भाऊ
सांग ना तुला
भेटायला कोणत्या पत्त्यावर येऊ....

नको मला जमीन
नको घराची वाटणी
आवडीने खाईन
भाकरी आणि चटणी
काकूळती ला आला जीव
मनात राग नको ठेऊ
दादा सांग ना रे
भेटायला कोणत्या पत्त्यावर येऊ .....
 😔😔😔😔
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....🙏 

Friday, 28 April 2017

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सिगरेट शिवाय
आपण जगू शकतो...

तरी
सिगरेट बनवणारा
करोडपती






दारु शिवाय
आपण जगू शकतो...

तरी
दारु बनवणारा
 करोडपती





मोबाइल शिवाय
 आपण जगू शकतो...

तरी ....
मोबाइल बनवणारा करोडपती






कार शिवाय
आपण जगू शकतो...

तरी
कार बनवणारा
करोडपती






पण....

अन्ना शिवाय
 आपण
 जगू शकत नाही...

तरी ....
अन्न धान्य🌾🌱
 उगवणारा
 शेतकरी
अठरा विश्व
दरिद्री...?






एक
 विदारक सत्य ...!



☝🏻धरणीमातेशी नाते असेल तर
 forward करा..
🙏
तसं शेतकऱ्यासाठी कुणी काही करणार नाही पण 1 share केल्याने  समाजात जाणिव निर्माण होईल .... !
*-----एक छान कविता-----*

*एकटे राहणे जमलेच नाही*
*माणसांना टाळणे जमलेच नाही*.

*कष्टाची भाकरी गोड लागली*
*लुटावे कुणाला कधी जमलेच नाही* .

*चेहरा आरशासारखा स्वच्छ होता*
*मुखवटा लावणे जमलेच नाही* .

*जे लाभले ते  आनंदाने स्वीकारले*
*कष्ट नाकारणे जमलेच नाही* .

*जिंदगी साधी सरळ होती*
*भूल थापा मारणे जमलेच नाही* .

*हरघडी माणसांची पूजा बांधली*
*सतत देवळात  जाणे जमलेच नाही* .
       🌻 🌻
✍✍✍✍
*वक्त* "की" "यारी" "तो" "हर" "कोई" "करता" "है" "मेरे" "दोस्त",
"मजा" "तो" "तब" "है"...
"जब" *वक्त* "बदल" "जाए" "और" "यार" "ना" "बदले"!!
        🙏🙏🙏✍✍✍✍
"अपनापन" "तो" "हर" "कोई" "दिखाता" "है",
"पर" "अपना" "कौन" "है"...
"ये" "तो" *वक्त* "बताता" "है"!!
         🙏🙏🙏🙏🙏
                 ✍✍✍✍
"जिस" "तरह" *वक्त* "का" "ख़ास" "होना"...
"हमारे" "लिये" "बहुत ""जरुरी" "है",
"उसी" "तरह" "किसी" "खास" "के" "लिये" "हमारे" "पास" *वक्त* "का" "होना" "भी" "जरुरी" "है"!!
         🙏🙏🙏🙏🙏
              ✍✍✍✍
"सदा" "उनके" "कर्जदार" "रहिये", "जो" "आपके" "लिये"...
"कभी" "खुद" "का" *वक्त* "नहीं" "देखते"!!
         🙏🙏🙏🙏🙏
        ✍✍✍✍
"किसी" "की" "मजबूरियाँ" "पे" "ना" "हँसिये"...
"कोई" "मजबूरियाँ" "ख़रीद" "कर" "नहीं" "लाता",
"डरिये" *वक्त* "की" "मार" "से"...
"बूरा" *वक्त* "किसी" "को" "बताकर" "नहीं" "आता"!!
         🙏🙏🙏🙏🙏
            🙏🌹 विचार पुष्प 🌹🙏

गर्वाचा त्याग केल्यास माणूस इतरांच्या प्रेमाचा पात्र होतो,

राग सोड़ल्यास दुःख होत नाहीं,

अभिलाषा सोड़ली कि माणूस श्रीमंत होतो व लोभ सोड़ला कि खऱ्या अर्थात सुखी होतो हेच
आयुष्याचे सत्य आहे........

शेवटी काय घेऊन जाणार आहोत सोबत
म्हणून प्रत्येक नात्याला मनःपूर्वक हृदयातून जपावे....

      🌺🌸  🌸🌺
☕ S G PAWAR STUDY CENTER SPOKEN ENGLISH ACADEMY And Coaching Classes☕

Good

*🐾अर्जून ने कृष्ण से पुछा..🐾*
             *"ज़हर क्या है"..?*
   *कृष्ण ने बहुत सुन्दर जबाब दिया...*


      *"हर वो चीज़ जो ज़िन्दगी में*
  *॥आवश्यकता से अधिक होती है*
         👉 *वही ज़हर है*

फ़िर चाहे वो *ताक़त* हो, *धन* हो, *भूख* हो, *लालच* हो, *अभिमान* हो, *आलस* हो, *मह त्वकाँक्षा* हो, *प्रेम* ॥हो या *घृणा*..

               *"जहर ही है"...*

    *🌻🌻 🌻🌻*
🙏S G PAWAR STUDY CENTER SPOKEN ENGLISH ACADEMY And Coaching Classes 🙏

Good

शाळेत असताना शाळेच्या
खिडकितुन 🖼बाहेरचं जग फार छान
वाटायचं . बाहेर 🚲सायकल ,🏍 गाडीवर
फिरणारे लोक किति लकी आहेत,
मोकळ फिरतायत अन मी मधे अडकलोय वाटायचं ....
आज कळतय की त्या बाहेरच्या
लोकांना किती ताणतणाव आहेत ,
कारण मीही आज त्या बाहेरच्या
गर्दिचा भाग आहे ...
त्यामुळं शाळेतच बरा होतो कारण
तिकडे जगाचा ताणतणाव तर नव्हता.😞
Miss u all friends
आता कितीही गाणी ऐकली तरी शाळेतल्या बेंचवर कान लाऊन🙇 हाताने वाजवलेल्या music ची मजा काय वेगळीच होती.😔😔😔😔😔😔
एक आठवण शाळेची.........
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Revelation

Revelation(ప్రకటన గ్రంథము) 1:13,14,15,16,17

13.తిరుగగా ఏడు సువర్ణ దీపస్తంభములను, ఆ దీపస్తంభములమధ్యను మనుష్యకుమారునిపోలిన యొకనిని చూచితిని. ఆయన తన పాదములమట్టునకు దిగుచున్న వస్త్రము ధరించుకొని రొమ్మునకు బంగారుదట్టి కట్టుకొనియుండెను.
14.ఆయన తలయు తలవెండ్రుకలును తెల్లని ఉన్నిని పోలినవై హిమమంత ధవళముగా ఉండెను. ఆయన నేత్రములు అగ్ని జ్వాలవలె ఉండెను;
15.ఆయన పాదములు కొలిమిలో పుటము వేయబడి మెరయుచున్న అపరంజితో సమానమై యుండెను; ఆయన కంఠ స్వరము విస్తార జలప్రవాహముల ధ్వనివలె ఉండెను.
16.ఆయన తన కుడిచేత ఏడు నక్షత్రములు పట్టుకొని యుండెను; ఆయన నోటినుండి రెండంచులుగల వాడియైన ఖడ్గమొకటి బయలు వెడలుచుండెను; ఆయన ముఖము మహా తేజస్సుతో ప్రకాశించుచున్న సూర్యునివలె ఉండెను.
17.నేనాయనను చూడగానే చచ్చినవానివలె ఆయన పాదముల యొద్ద పడితిని. ఆయన తన కుడిచేతిని నామీద ఉంచి నాతో ఇట్లనెను-భయపడకుము; 

Thursday, 27 April 2017

Casteless India Movement

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             AARAKSHAN🏵🏵🏵🏵🏵🏵🏵

mai Aarakshan ke khilap hu LEKIN


Aagar Aarakshan khatam karake Aapana desh Aage bad sakata hai to jaroor Aarakshan khatam honihi chahiye parantu Jat Pat pahale khatam karo sab logo ki ek hi ho ya jat ye shabdh hi kharij ho sab log bhartiy ho sab ko kaunsabhi pad ya kary karneka aadhikar ho sab jagah office ho , ya Mandir ho  sab jagah kisi ek ko vishesh aadhikar Na ho har ek ko jamin pani barabar bat Deni chahiye sab log paise SE jaydad SE saman ho tab jakar Aarakshan khatam honi chahiye aur hogi kyoki tab Aarakshan ki jaroorat hi nahi rahegi

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Aarakshan


             AARAKSHAN
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Wednesday, 26 April 2017

Time

🌹🌿🌹🌿🌹🌿­
🌅🌅🌅🌅🌅🌅🌅­

वेळ ही एखाद्या वाहत्या­
नदीसारखी असते,­
एकदा स्पर्श केलेल्या पाण्याला,­
तुम्ही पुन्हा स्पर्श करू शकत नाही,­
कारण, नदीच्या प्रवाहाबरोबर गेलेले पाणी,­
कधीही परत येत नाही,­
असेच वेळेचेही आहे,­
एकदा गेलेली वेळ पुन्हा येत नाही,­
म्हणून, आयुष्यातील प्रत्येक­
क्षणाचा आनंद घ्या...!!!­
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  🌾🍁🍁🌾

Soch

💚💚💚💚💚💚💚

        *💚एक बेहतरीन सोच💚*

                 *हर एक की सुनो👂🏻*
             *ओर हर एक से सीखो*
                 *क्योंकि हर कोई,*
              *सब कुछ नही जानता*
                   *लेकिन हर एक*
       *कुछ ना कुछ ज़रुर जानता हैं!*

 *स्वभाव रखना है तो उस 🔥दीपक की तरह रखिये, जो बादशाह के महल में भी उतनी ही रोशनी देता है, जितनी की किसी गरीब की झोपड़ी ⛺में….*💚

   शुभ दिन, नमस्कार,

💚💚💚💚💚💚💚

कर्म म्हणजे काय ?

कर्म म्हणजे काय ?
.
.
एकदा एक राजा हत्तीवर बसुन आपल्या राज्यात
निरीक्षण करण्यास फिरत होता.
.
.
.
फिरतफिरत तो
.
.
.
.
एका गावातील दुकानासमोर थांबला. प्रधानाला
बोलाऊन म्हणाला, कां कोण जाणे मी या
दुकानदाराला पूर्वी कधी पाहीले नाही, त्याला
ओळखतपण नाही पण मला या दुकानदाराला फाशी
द्यावे वाटते आहे. प्रधान बुचकळ्यात पडला तो कांही
बोलण्याच्या अगोदरच राजा तेथून पुढे निघाला.
प्रधान विचारात पडला. त्यान तेे दुकान पाहून ठेवले
व तो राजामागे निघाला.
दुस-या दिवशी प्रधान गावातल्या त्या दुकानाशी
साध्या वेशात पोहोचला. दुकानात दुकानदारा
शिवाय कोणीच नव्हते. आजुबाजुला चौकशी करता
तो चंदनाचा व्यापारी असल्याचे समजले. तो
दुकानात गेला. त्याच्याकडे सुवर्णवर्णाचे सुगंधी चंदन
होते. मात्र कोणी खरेदीदार नसल्याने मालक
वैतागला होता. चौकशी करता कळले की लोक नुसते
येतात वास घेतात आणि साधा दरही न विचारता
निघून जातात. रिकाम्या बसलेल्या दुकानदाराला
ब-याचवेळा वाटे की किमान राजा तरी मरावा.
तो मेला तर त्या आसमंतात दुसरा कोणी चंदनाचा
व्यापारी नसल्याने राजाच्या अंत्य संस्काराला
तरी मोठ्या प्रमाणात चंदन खरेदी होईल. माल
विकला जाईल. चार पैसे तरी मिळतील.
प्रधानाला मग राजाला या अनोळखी व्यापा-
याला फाशी कां द्यावे वाटले याचा उलगडा
झाला. व्यापा-याच्या मनातील राजाविषयीच्या
वाईट विचारांच्या तरंगलहरीनी दुषीत वातावरणात
राजा आल्यावर राजाच्या मनात दुकानदाराला
फाशी देण्याचे विचार उद्भवले होते.
त्याने त्या दुकानदाराकडे थोडी चंदन खरेदी केली.
दुकानदाराला ब-याच दिवसांनी गि-हाईक
मिळाल्याने आनंद झाला. प्रधान निघाला आणि
राज दरबारात राजापुढे ते चंदन ठेवले. राजाने कागद
उघडून चंदन पाहिले आणि त्याच्या सुवर्ण वर्णाने
आणि सुगंधाने मोहित झाला. त्याने प्रधानाला
विचारले कोठून आणले हे चंदन ? प्रधानाने त्या
व्यापा-याचे नांव सांगितले. राजा म्हणाला, अरे
काल उगाच मला त्याला फाशी द्यावे वाटले ! त्या
व्यापा-याला कांही सुवर्णमुद्रा देण्याचा आदेश
दिला. राजा अध्ये मध्ये इतरांना अनमोल भेटी
देण्यास चंदन खरेदी करु लागला. राजाच्या खरेदीने
आनंदित व्यापा-याच्यामनात आता राजा मरावा हे
येईनासे झाले. चांगल्या दर्जाचा चंदन व्यापारी
म्हणून राजाचा तो मित्र झाला.
आपल्या मनात इतरां विषयी चांगले विचार,
दयाळुपणा आणला तर इतरांच्या मनातुनही चांगले
विचार चांगल्या भावना आपल्यापर्यन्त येतील. व
आपला उत्कर्ष होईल.
तेंव्हा स्वामीनी विचारले, मग कर्म म्हणजे काय ?
अनेकजण म्हणाले, आपले शब्द, आपली कृती, आपली
भावना....
मान हलवून स्वामी म्हणाले, आपल्या मनात येणारे
विचार हेच आपले खरे कर्म होय !!!

Aai baba chi vachane

*साईचे वचन*
" *‬कष्ट* करा.. *पोटभर* मिळेल"
       " *विश्वास* करा.. *प्रेम* मिळेल"
" *सेवा* करा.. *सुख* मिळेल"
       " *मदत* करा.. *फळ* मिळेल"
" *कल्पना* करा.. *मार्ग* मिळेल"
       " *भक्ती* करा.. *आशिर्वाद* मिळेल"
" *दोस्ती* करा.. *साथ* मिळेल"
        " *दान* करा.. *धन* मिळेल"
" *आदर* करा.. *सन्मान* मिळेल"
        " *सत्कार* करा.. *संस्कार* मिळेल"
" *जिवनात* चांगल्या माणसांना शोधू नका"
         *"स्वतः चांगले व्हा"*
" *कोणीतरी* तुम्हाला नक्की *शोधत* येईल".
 
🌹शुभ प्रभात 🌹       ..              🙏🙏ओम साई राम 🙏🙏

Mulgi

अक्षता टाकत होता
घाम पुसायच्या निमित्ताने
   डोळे पुसत होता //1//
काळजाच्या तुकड्याला पाहुन
   आतुन तुटत होता
" पोरीचं चांगलं झालं "
हसुन म्हणत होता //2//
   अश्रुंचा बांध त्यानं
अडवुन धरला होता
 डोळयासमोरुन लेकिचा चेहरा
   दुर होत नव्हता //3//
लग्न लागल्यावर सारेच
  टाळ्या वाजवत होते
एक तोच मात्र
   आसवांमध्ये भिजत होता //4//
लहानमोठ्यांना तो
  हात जोडत होत
" लेकिला जीव लावा माझ्या "
डोळे भरून सांगत होता //5//
सायंकाळी सारे पाहुणे
  खिचडीभात खात होते
बापाचा हात न वाजणार्या
  फोनकडे जात होता //6//
लेकिचा फोन येताच
  " मिरची तिखट आहे " म्हणत
तांब्यानं पाणी पित होता          
अन डोळयातलं आसव मागं सारत होता....
    सुगी संपल्यावर पाखरांसारखा
एकेक पाहुणा परतत होता
शेवटच्या पाहुण्याला पोहचवुन
" मला भुक नाही "असं
   बाप म्हणत होता //8//
बेडरूममधील लेकीचं कपाट
  हळुच बाप उघडत होता
तिने ठेवलेल्या कपड्यांवरून
  थरथरता हात फिरवत होता //9//
तिथच बेडवर बसुन
  ओंजळीत तोंड धरून बाप
आवाज न करणार्या
धबधब्यासारखा फुटत होता//10//
मांजरीच्या पावलांनी पाठोपाठ आलेली मनकवडी बायको
 " आई " होत होती
वय वाढलेल्या सशाला
  छातीशी घट्ट धरून
काळजाच्या तुकड्याला आठवुन
 आसवांमध्ये भिजत होती.. //11//
      हे अस नात वडील आणि मुलगी..
म्हणून म्हणतो एक तरी लेक असावी.
डोळ्यातील प्रत्येक थेंबात दिसणारी..
✍🏻✍🏻✍🏻 🙋🙋🙋🙋🙋🙋🙋🙋

आज जागतिक कन्या  दिन. ज्यांना कन्यारत्न आहेत अशा सर्वांना जागतिक कन्या दिनाच्या शुभेच्छा 💐💐💐💐💐💐💐
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Aai

🌞वेळ काडून नक्की  वाचा 🌞



👇

🌞जेव्हा फुटत होती प्लेट
बालपणी तुमच्या कडुन🌞

🌞आता आई कडुन फुटली
तर तिला काहीही बोलु नका🌞
       
     🌞जेव्हा मागत होते फुगा
     लहानपणी आई जवळ🌞
   
🌞आता आई चष्मा मागते
    तर तिला नाही म्हणु नका तुम्ही🌞

🌞जेव्हा मागत होते चॉकलेट
लहानपणी आई जवळ🌞

🌞आता आई औषध मागते
तिला आणायला विसरु नका तुम्ही🌞
     

     🌞आई रागवत होती तुम्हाला
     जेव्हा मस्ती करीत होत तुम्ही🌞
   
🌞आता तिला ऐकु येत नाही
     तर तिला रागावु नका तुम्ही🌞

🌞जेव्हा चालत नव्हते तुम्ही
आई बोट धरुन चालवत होती🌞

🌞आता ती चालु शकत नाही
तर तिचा हात पकडुन सहारा द्या तुम्ही🌞
         

   🌞 जेव्हा रडत होते तुम्ही
     आई छातीला लावत होती🌞
   
🌞आता सहन करा दु:ख तुम्ही
      तिला रडु देवु नका तुम्ही🌞

🌞जेव्हा जन्मले होते तुम्ही
आई तुमच्या जवळ होती🌞

🌞जेव्हा आईचा शेवटचा क्षण येईल तेव्हा तिच्या जवळ नक्की थांबा तुम्ही🌞

🌞आयुष्यात खुप अडचणी येतील पण त्याच्यासाठी जगा🌞

🌞जे तुमच्यासाठी स्वत:चा जिव अर्पण करतात🌞
           
    💝I love you aai💝

🌞तुम्ही आई वर प्रेम करत असाल तरच 🌞

🌞प्लिज, हा मेसेज जास्तीत जास्त शेअर करा.एक शेअर आईसाठी
          💔  
            I
               💔
                  LOVE
                           💔
                              YOU
                                       💔
                                         आई

*Press Note: Dalit Justice Support Fund

*Press Note: Dalit Justice Support Fund*

આઝાદિના ૭-૭ દાયકા બાદ પણ, અનામત-એટ્રોસીટી વગેરે જેવા કાયદાઓ બાદ પણ ભારતની મનુવાદી સામાજીક પરીસ્થિતિમાં કોઇ ખાસ ફર્ક આવ્યો નથી. એકલા ગતિશિલ ગુજરાતની વાત કરીએ તો, આજે પણ રોજના સરેરાશ ૫-૧૦ જેટલા દલિત અત્યાચારના બનાવો બને છે જેમાં સરેરાશ ૨-૩ બનાવો પ્રકાશમાં આવે છે. અનુસુચિત જાતિ વર્ગમાં શિક્ષણ અને જાગૃતિનુ પ્રમાણ વધવાને પરીણામે હવે પોલીસ ફરીયાદો, કોર્ટ કેસ અને સમઢીયાળા ઉના-ગોલાણા-સાંબરડા-થાનગઢ વગેરે જેવા કિસ્સાઓમાં સરકારને હચમચાવી મુકતા આંદોલનો થાય છે. તેમ છતાં પરીસ્થિતિ તેમની તેમજ છે. દર મહિને સૌરાષ્ટ્ર અને ઉત્તર ગુજરાતના જીલ્લાઓમાં દલિત અત્યાચારનો ભોગ બનેલ પરીવારોની હિજરત થવાના લગભગ ૨-૫ કિસ્સાઓ પ્રકાશમાં આવતા હોય છે અને પ્રકાશમાં નહિ આવેલા કિસ્સાઓ કેટલા હશે?! એક સર્વે પ્રમાણે દલિત અત્યાચારના કોર્ટ-પોલીસમાં નોંધાયેલ કેસોમાં માંડ અઢી ટકા જેટલા કેસોમાં આરોપીઓને સજા થાય છે જ્યારે બાકિના કેસોમાં અત્યાચારનો ભોગ બનેલ વ્યક્તિ/પરીવાર કંટાળી કેસ પાછો ખેંચવા કે સમાધાન કરતો હોય છે. જેથી દલિત અત્યાચારના મોટા ભાગના કેસોમાં આરોપીઓને સજા થતી જ નથી!!! દલિત અત્યાચારની ઘટના બને ત્યાર બાદ તેનો ભોગ બનેલ વ્યક્તિ/પરીવારને સંભાળવુ, કાયદાકિય રીતે સહાયરુપ બનવુ, મનોબળ પુરુ પાડવુ, તેને આરોપીઓના વિવિધ પેંતરાઓથી બચાવતા કેસનો ચુકાદો ના આવે ત્યા સુધી તેની સાથે રહેવુ વગેરે અંગે આપણી પાસે કોઇ વ્યવસ્થા ના હોવાથી આમ થાય છે જેનુ પરીણામ છે કે આજે પણ દલિત અત્યાચાર બંધ નથી થયા! આના ઉકેલ રુપે *શ્રી વિજય પરમાર (ફોનઃ +૯૧૯૪૨૮૦૪૫૯૭૫); એડવોકેટશ્રી ગોવિંદ પરમાર (ફોનઃ +૯૧૯૪૨૭૫૨૩૪૪૮)* જેવા સામજીક કર્મશીલો દ્વારા Dalit Justice Support Fund નામે એક આર્થીક સહાયનુ માળખુ તૈયાર કરવા માટે થઈને ૨૨-૦૪-૨૦૧૭ ના રોજ હ્યુમન રીસર્ચ ડેવલોપમેંટ સેંટર, સેંટ ઝેવીયર્સ કોલેજ કંપાઉંડ, અમદાવાદ ખાતે એક બેઠક મળી જ્યા જાણીતા સમાજસેવીમિત્રો શ્રી કૌશીક પરમાર (મહેસાણા), શ્રી જયંતિભાઇ માંકડિયા (રાજકોટ), શ્રી મુકેશ લકુમ (ફોનઃ +૯૧૮૭૯૪૯૨૮૫૫૭) વગેરે ઉપસ્થિત રહ્યા હતા અને આ ફંડનો ઉપયોગ માત્ર ને માત્ર અનુસુચિત જાતિ વર્ગના દલિત અત્યાચાર કેસોમાં ભોગ બનેલાઓને કોર્ટ કેસ લડવામાં મદદરુપ બનવા કરવાનો સર્વાનુમતે નિર્ણય લેવામાં આવેલ. સુચિત ફંડ ઉભુ કરવા માટે થઈને લોકોને વિવિધ જવાબદારીઓ સોંપવામાં આવેલ તેમજ ફંડનુ માળખુ અને કાર્યશૈલી એકદમ પારદર્શક બને તે અંગેના મુદ્દાઓ ચર્ચવામાં આવેલ જેમાં બધુ ઓનલાઇન કરવાનુ નક્કિ કરવામાં આવેલ. ટૂંક સમયમાં આ ફંડ અંગેની એક વેબસાઇટ શરુ કરવામાં આવનાર છે જેમાં બધી વિગતો, ઓનલાઇન દાન આપવાની સુવિધા, આવક-જાવકના અપટૂડેટ હિસાબો વગેરે હશે.

सूचना का अधिकार



‬: सूचना का अधिकार-एक परिचय

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 अपनी यात्रा में काफी उपलब्धियां हासिल कर चुका है। नागरिकों न केवल महत्वपूर्ण सूचनाएं ही प्राप्त हो रही हैं बल्कि ये सूचनाएं कई बार सिर्फ सूचनाओं तक ही नहीं सीमित होकर अपनी उपयोगिता कई परिप्रेक्ष्य में सिद्ध करती है। केंद्र राज्य स्तर पर सभी विभागों में सूचना का अधिकार लागू कर दिया गया है और इसके लिए अलग विभाग से लेकर कार्यालयों में सूचना की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए कार्यरत कर्मचारियों को मनोनीत लोक सूचना अधिकारी के रुप में नियुक्त किया गया गया है। सूचना की अनुपलब्धता की स्थिति में प्रथम अपीलीय प्राधिकारी, द्वितीय अपील के साथ कुछ विशेष स्थितियों में सीधे तौर आयोग में भी अपील की जा सकती है। कई राज्यों ने सूचना के अधिकार में लोगों की सहायता के लिए सूचना और प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए पूरी तरह से समर्पित आरटीआई की वेबसाईट का निर्माण किया है और आवेदन करने और उसे जमा करने के लिए ऑनलाईन का विकल्प भी उपलब्ध कराया है। कुछ राज्यों ने टोल फ्री नंबर की सेवा भी प्रारंभ की है।        🇮🇳।।जय हिन्द ।।🇮🇳
आरटी आई एक्टिविस्ट
: सूचना का अधिकार-सांविधानिक प्रावधान

सूचना के अधिकार का दर्ज़ा उपयोगिता और इस बात से सिद्ध होता है कि संविधान में इसे मूलभूत अधिकार का दर्ज़ा दिया गया है। आरटीआई का अर्थ है सूचना का अधिकार और इसे संविधान की धारा 19 (1) के तहत एक मूलभूत अधिकार का दर्जा दिया गया है। धारा 19 (1), जिसके तहत प्रत्‍येक नागरिक को बोलने और अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता दी गई है और उसे यह जानने का अधिकार है कि सरकार कैसे कार्य करती है, इसकी क्‍या भूमिका है, इसके क्‍या कार्य हैं आदि।सूचना का अधिकार अधिनियम प्रत्‍येक नागरिक को सरकार से प्रश्‍न पूछने का अधिकार देता है और इसमें टिप्‍पणियां, सारांश अथवा दस्‍तावेजों या अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियों या सामग्री के प्रमाणित नमूनों की मांग की जा सकती है।

आरटीआई अधिनियम पूरे भारत में लागू है (जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य के अलावा) जिसमें सरकार की अधिसूचना के तहत आने वाले सभी निकाय शामिल हैं जिसमें ऐसे गैर सरकारी संगठन भी शामिल है जिनका स्‍वामित्‍व, नियंत्रण अथवा आंशिक निधिकरण सरकार द्वारा किया गया है।
🇮🇳 ।।जय हिन्द ।।🇮🇳      आरटी आई एक्टिविस्ट
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