सेवा में ,
माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी,
प्रधानमंत्री ,
भारत सरकार ,
नई दिल्ली
विषय- भारत में ब्राह्मण आरक्षण को समाप्त किये जाने एवं संबिधान में संशोधन विषयक |
माननीय महोदय ,
सौभाग्य की बात है कि बहुत समय बाद भारत में आपके कुशल नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की केन्द्रीय सरकार विद्यमान है।
आपके मेक इन इंडिया , स्वच्छता अभियान व नोट बंदी जैसी कई योजनाओं का हम ह्रदय से पूर्ण समर्थन करते हैं ।
*माननीय महोदय* ,
जैसा कि आप जानते हैं कि
*आज तक ब्राह्मणों द्वारा मंदिरों पर अनाधिकृत कब्ज़ा बनाये रखा हुआ है।यह अनाधिकृत इसलिए है क्योंकि कोई भी देवता चाहे वह राम,कृष्ण,शिव,गणेश आदि ब्रह्वमन नहीं थे तो किस अधिकार से ब्राह्मण सालों साल से मंदिरों में अपनी आरक्षण व्यवस्था बनाये बैठे हैं।ब्राह्मण कभी भी दलित या पिछड़ा नहीं रहा व अब उसे इस जातिगत आरक्षण की जरुरत नहीं है।*
*पिछले हज़ारों सालों से इन्होंने भगवान् का डर दिखा कर के खूब कमाया है व् किसी भी अन्य जाति को इसका लाभ नहीं मिला है।*
महोदय ,
*इस जाति आरक्षण का लाभ जहां कुछ खास लोग परिवार समेत पीढी दर पीढी लेते जा रहें हैं वहीं वे इसे निम्नतम स्तर वाले अपने ही जरूरतमंदों लोगों तक भी नहीं पहुंचने दे रहे हैं। अन्यथा हज़ारों वर्षों में हर वर्ग के व्यक्ति तक इसका लाभ पहुँच चुका होता।*
महोदय,
*इस मंदिरों में आरक्षण का आधार जाति किये जाने से जहाँ अन्य वर्ग के तमाम निर्धन व जरूरतमंद युवा बेरोजगार व हतोत्साहित हैं व् कुंठित और उत्साहहीन हो रहे हैं,*
*वहीं समाज में जातिवाद का जहर बड़ी तेज़ी से बढ़ता जा रहा है।*
अत: आपसे निवेदन है कि राष्ट्र के समुत्थान व विकास के लिये संविधान में संशोधन करते हुये इस ब्राह्मण आरक्षण को समाप्त करने का कष्ट करेंगे ।
किसी भी जाति - धर्म के असल जरूरतमंद निर्धन व्यक्ति को *आरक्षण नहीं बल्कि संरक्षण* देना सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए ।
*आरक्षण को पूर्ण रूप से समाप्त करने से पहले अगर वंचित वर्ग तक इसका ईमानदारी से वास्तव में सरकार लाभ पहुँचाना चाहती है तो इस ब्राह्मण आरक्षण को ख़त्म कर सभी जातियों को बारीबारी से लाभ दिया जा सकता है।*
*आयकर की सीमा में यह आ ही नहीं पाते हैं क्योंकि यह तो अपनी अघोषित आय छुपा ही लेते हैं। इन ब्राह्मणव्यक्ति के परिवार को इस आरक्षण से वंचित किया जाना चाहिये ताकि राष्ट्र के बहुमूल्य संसाधनों का सदुपयोग सुनिश्चित हो सके।*
*इस आरक्षण के बदौलत इनके परिवारों के कई बच्चे विदेशो में पढ़ रहे हैं व् नौकरी कर रहें है ।इसके बावजूद वे इसको ब्रेन ड्रेन का नाम लेकर अपने ही देश के संविधान को व् अपने देह को बदनाम करते हैं जबकि यह लोग सालों से मजे कर रहे हैं।*
आशा है कि महोदय राष्ट्र व आमजन के हित में इन सुझावों पर ध्यान देते हुये समुचित कार्यवाही करने व इस हेतु जन जागरण अभियान प्रारंभ कर मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने का कष्ट करेंगे |
वन्दे मातरम् ।
भवदीय......
🙏 *विशेष निवेदन /आग्रह*🙏
*जन जागृति* के लिए आपको सिर्फ 10 लोगो को ये मेसेज फॉरवर्ड करना है और वो 10 लोग भी दूसरे 10 लोगों को ये मेसेज करें ।
इस प्रकार
1 = 10 लोग
यह 10 लोग अन्य 10 लोगों को मेसेज करेंगे
इस प्रकार :-
10 x10 = 100
100x10=1000
1000x10=10000
10000x10=100000
100000x10=1000000
1000000x10=10000000
10000000x10=100000000
100000000x10=1000000000
(100 करोड़ )
बस आपको तो एक कड़ी जोड़नी है देखते ही देखते सिर्फ आठ steps में पूरा देश जुड़ जायेगा।
Regards
माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी,
प्रधानमंत्री ,
भारत सरकार ,
नई दिल्ली
विषय- भारत में ब्राह्मण आरक्षण को समाप्त किये जाने एवं संबिधान में संशोधन विषयक |
माननीय महोदय ,
सौभाग्य की बात है कि बहुत समय बाद भारत में आपके कुशल नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की केन्द्रीय सरकार विद्यमान है।
आपके मेक इन इंडिया , स्वच्छता अभियान व नोट बंदी जैसी कई योजनाओं का हम ह्रदय से पूर्ण समर्थन करते हैं ।
*माननीय महोदय* ,
जैसा कि आप जानते हैं कि
*आज तक ब्राह्मणों द्वारा मंदिरों पर अनाधिकृत कब्ज़ा बनाये रखा हुआ है।यह अनाधिकृत इसलिए है क्योंकि कोई भी देवता चाहे वह राम,कृष्ण,शिव,गणेश आदि ब्रह्वमन नहीं थे तो किस अधिकार से ब्राह्मण सालों साल से मंदिरों में अपनी आरक्षण व्यवस्था बनाये बैठे हैं।ब्राह्मण कभी भी दलित या पिछड़ा नहीं रहा व अब उसे इस जातिगत आरक्षण की जरुरत नहीं है।*
*पिछले हज़ारों सालों से इन्होंने भगवान् का डर दिखा कर के खूब कमाया है व् किसी भी अन्य जाति को इसका लाभ नहीं मिला है।*
महोदय ,
*इस जाति आरक्षण का लाभ जहां कुछ खास लोग परिवार समेत पीढी दर पीढी लेते जा रहें हैं वहीं वे इसे निम्नतम स्तर वाले अपने ही जरूरतमंदों लोगों तक भी नहीं पहुंचने दे रहे हैं। अन्यथा हज़ारों वर्षों में हर वर्ग के व्यक्ति तक इसका लाभ पहुँच चुका होता।*
महोदय,
*इस मंदिरों में आरक्षण का आधार जाति किये जाने से जहाँ अन्य वर्ग के तमाम निर्धन व जरूरतमंद युवा बेरोजगार व हतोत्साहित हैं व् कुंठित और उत्साहहीन हो रहे हैं,*
*वहीं समाज में जातिवाद का जहर बड़ी तेज़ी से बढ़ता जा रहा है।*
अत: आपसे निवेदन है कि राष्ट्र के समुत्थान व विकास के लिये संविधान में संशोधन करते हुये इस ब्राह्मण आरक्षण को समाप्त करने का कष्ट करेंगे ।
किसी भी जाति - धर्म के असल जरूरतमंद निर्धन व्यक्ति को *आरक्षण नहीं बल्कि संरक्षण* देना सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए ।
*आरक्षण को पूर्ण रूप से समाप्त करने से पहले अगर वंचित वर्ग तक इसका ईमानदारी से वास्तव में सरकार लाभ पहुँचाना चाहती है तो इस ब्राह्मण आरक्षण को ख़त्म कर सभी जातियों को बारीबारी से लाभ दिया जा सकता है।*
*आयकर की सीमा में यह आ ही नहीं पाते हैं क्योंकि यह तो अपनी अघोषित आय छुपा ही लेते हैं। इन ब्राह्मणव्यक्ति के परिवार को इस आरक्षण से वंचित किया जाना चाहिये ताकि राष्ट्र के बहुमूल्य संसाधनों का सदुपयोग सुनिश्चित हो सके।*
*इस आरक्षण के बदौलत इनके परिवारों के कई बच्चे विदेशो में पढ़ रहे हैं व् नौकरी कर रहें है ।इसके बावजूद वे इसको ब्रेन ड्रेन का नाम लेकर अपने ही देश के संविधान को व् अपने देह को बदनाम करते हैं जबकि यह लोग सालों से मजे कर रहे हैं।*
आशा है कि महोदय राष्ट्र व आमजन के हित में इन सुझावों पर ध्यान देते हुये समुचित कार्यवाही करने व इस हेतु जन जागरण अभियान प्रारंभ कर मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने का कष्ट करेंगे |
वन्दे मातरम् ।
भवदीय......
🙏 *विशेष निवेदन /आग्रह*🙏
*जन जागृति* के लिए आपको सिर्फ 10 लोगो को ये मेसेज फॉरवर्ड करना है और वो 10 लोग भी दूसरे 10 लोगों को ये मेसेज करें ।
इस प्रकार
1 = 10 लोग
यह 10 लोग अन्य 10 लोगों को मेसेज करेंगे
इस प्रकार :-
10 x10 = 100
100x10=1000
1000x10=10000
10000x10=100000
100000x10=1000000
1000000x10=10000000
10000000x10=100000000
100000000x10=1000000000
(100 करोड़ )
बस आपको तो एक कड़ी जोड़नी है देखते ही देखते सिर्फ आठ steps में पूरा देश जुड़ जायेगा।
Regards
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